डलमऊ/रायबरेली। वन में ऋषि-मुनियों की तपस्या और पूजा अर्चना के साथ हवन पूजन में विघ्न डालने वाले राक्षसों से त्रस्त होकर महर्षि विश्वामित्र अयोध्या के राजा दशरथ के पास उनके महल पर पहुंचकर उनके पुत्र राम और लक्ष्मण को इन विध्वंस कारी राक्षसों से निजात के लिए वन पहुंचकर राक्षसों का वध की प्रार्थना की गई। जिस पर राजा दशरथ ने अपने दोनों पुत्रों को महर्षि विश्वामित्र के साथ उनके आश्रम रक्षा के लिए भेज दिया जहां पहुंचकर सूर्यवंशी दोनों भाइयों राम और लक्ष्मण द्वारा ऋषि मुनियों की तपस्या और हवन पूजन में बाधा उत्पन्न करने वाले राक्षसों का वध कर राक्षसों से निजात दिलाई गई।
डलमऊ कस्बे के मोहल्ला 84 में आयोजित रामलीला के मंचन में मंगलवार की देर रात रामलीला कमेटी के कलाकारों द्वारा विश्वामित्र आगमन और ताड़का वध का मंचन किया गया। जिसमें नितिन त्रिपाठी द्वारा राम का अभिनय और शुभम गौड़ द्वारा लक्ष्मण का अभिनय तथा पंडित हरीश चंद्र द्वारा महर्षि विश्वामित्र का अभिनय करते हुए लोगों के सामने मन मोह लेने वाले लीला का मंचन किया गया।
इस मौके पर रामलीला देखने वाले लोगों द्वारा मास्क लगाकर सामाजिक दूरी के साथ बैठकर रामलीला का आनंद लिया गया। इस मौके पर पंडित बृजेश दत्त गौड़ राकेश त्रिपाठी, मनोज कुमार, दिलीप बाजपाई, जनार्दन प्रसाद, शैलेश मिश्रा, माघवेंद्र मिश्रा, आदि के साथ अन्य सैकड़ों लोग मौजूद रहे।
रिपोर्ट-दुर्गेश मिश्र