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इस वर्ष अपनी स्वर्ण जयंती मनाएगी बख़्शी का तालाब की रामलीला

लखनऊ। बख़्शी का तालाब की रामलीला इस वर्ष अपनी स्वर्ण जयंती मनाएगी। इस रामलीला की शुरुआत अक्टूबर 1972 में हुई थी। इस वर्ष बीकेटी दशहरा मेला आगामी 5, 6 व 7 अक्टूबर को आयोजित होगा। तीनों दिन हिन्दू-मुस्लिम शौकिया कलाकार रामलीला का मंचन करेंगे। रात्रि में रंगारंग मनोरंजक कार्यक्रम होंगे।

बीकेटी दशहरा मेला कमेटी के पदाधिकारी नागेन्द्र बहादुर सिंह चौहान ने बताया कि इस रामलीला की नींव रुदही ग्राम पंचायत के तत्कालीन ग्राम प्रधान स्व. मैकूलाल यादव एवं बीकेटी कस्बे के समाजसेवी डॉ मुज्जफर हुसैन ने डाली थी। इस रामलीला के मंचन में शौकिया मुस्लिम कलाकार बढ़-चढ़कर हिस्सा लेते हैं। यह देश-विदेश में प्रसिद्ध है।

अभिनय एवं दर्शन से मुस्लिम बन्धुओं का गहरा नाता

नागेन्द्र ने बताया कि इस रामलीला की दो खास बातें हैं। एक- इस रामलीला की स्थापना, व्यवस्था, प्रबंधन, अभिनय एवं दर्शन से मुस्लिम बन्धुओं का गहरा नाता है। दो- यह रामलीला मैदान में खेली जाती है। इसके कुछ हिस्से मंच पर मंचित होते हैं। जबकि सम्पूर्ण रामलीला मैदान खेली जाती है। पहले इस मेले का आयोजन रुदही ग्राम पंचायत करवाती थी। वर्ष 2009 से इसकी जिम्मेदारी नगर पंचायत बीकेटी ने संभाल रखी है।

उन्होंने बताया कि विगत पांच वर्ष से नगर पंचायत बीकेटी के चेयरमैन अरुण कुमार सिंह गप्पू मेला कमेटी के अध्यक्ष हैं। रुदही के पूर्व प्रधान विदेशपाल यादव एवं बीकेटी के पूर्व ब्लॉक प्रमुख शहज़ाद अहमद संरक्षक का दायित्व उठा रहे हैं। वहीं, अधिवक्ता अशीद अली मेला प्रबंधन की जिम्मेदारी उठा रहे हैं। रामलीला मंचन की सम्पूर्ण जिम्मेदारी साबिर खान पर है। वह पिछले 40 साल से रामलीला में अभिनय कर रहे हैं। अब उन्हें बीकेटी रामलीला का निर्देशक बना दिया गया है। साबिर ही गांव के युवाओं, बच्चों को रामलीला अभिनय के गुर सिखाते हैं। आजकल रामलीला का पूर्वाभ्यास चल रहा है।

नगर पंचायत के निवासी मेले की गोल्डन जुबली को लेकर उत्साहित

चेयरमैन गप्पू ने बताया कि बीकेटी दशहरा मेले को काफी भव्य कर दिया गया है। बीकेटी रामलीला इस वर्ष अपनी गोल्डेन जुबली मना रही है। नगर पंचायत के निवासी मेले की गोल्डन जुबली को लेकर काफी उत्साहित है। इस बार रामलीला की शोभा यात्रा को और अधिक भव्य रूप में निकालने की तैयारी है। साथ ही, तीनों दिन कुछ न कुछ खास आयोजन करने की तैयारी है। पहले दिन शोभा यात्रा के बाद रामलीला मंचन होगा। फिर रात्रि में अहमद बावरा ग्रुप का बेहतरीन आर्केस्ट्रा होगा।

इसी तरह दूसरे दिन गांव के हिन्दू-मुस्लिम शौकिया कलाकार सीता स्वयंवर प्रसंग का मंचन करेंगे। मेले के तीसरे दिन सात अक्टूबर को रावण वध प्रसंग का मंचन होगा। शाम को रावण का वध एवं पुतला दहन होगा। मेले की दूसरी व तीसरी रात्रि में रम्पत रजनी बाला की नौटंकी होगी।

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