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RBI Credit Policy: रेपो रेट में नहीं हुआ कोई बदलाव, अगले वित्त वर्ष के लिए 10.5% GDP ग्रोथ का अनुमान

रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (RBI) मौद्रिक नीति समिति (MPC) बैठक में आज रेपो रेट में कोई बदलाव नहीं किया। रेपो रेट 4 फीसदी पर बरकरार है। वहीं, रिवर्स रेपो रेट को भी 3.35% पर ही रखा गया है। साथ ही MSF और बैंक रेट में भी कोई बदलाव नहीं किया गया है और यह पहले की तरह ही 4.25% है। यह लगातार चौथी बार है जब एमपीसी ने नीतिगत दर को यथावत रखने का निर्णय किया है।

इससे पहले, 22 मई को नीतिगत दर को संशोधित किया गया था। छह सदस्यीय मौद्रिक नीति समिति की यह 27वीं बैठक थी। इसमें तीन बाहरी सदस्य… आशिमा गोयल, जयंत आर वर्मा और शशांक भिडे़ हैं। समिति की यह तीन दिवसीय बैठक तीन फरवरी को शुरू हुई थी।

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आरबीआई गवर्नर शक्तिकांत दास ने कहा कि सब्जियों के दाम निकट भविष्य में नरम रहने की उम्मीद है।, 2020-21 की चौथी तिमाही में मुद्रास्फीति संशोधित किया गया है और इसके 5.2 प्रतिशत रहने का अनुमान है । रिजर्व बैंक ने धीरे-धीरे 27 मार्च 2021 तक बैंकों के नकद आरक्षित अनुपात को 3.5 प्रतिशत पर वापस लाने का निर्णय लिया। उन्होंने कहा कि अर्थव्यवस्था में पहली तिमाही में आई गिरावट पीछे छूट चुकी है, स्थिति में सुधार के संकेत दिखने लगे हैं।

आरबीआई गवर्नर ने कहा, ‘ आर्थिक वृद्धि को लेकर परिदृश्य सकारात्मक हुआ है। यह पुनरूद्धार के संकेत मजबूत हुए हैं। मुद्रास्फीति चार प्रतिशत के संतोषजनक दायरे में आ गई है और अगले वित्त वर्ष में जीडीपी वृद्धि दर 10.5 प्रतिशत रहने का अनुमान है।” उन्होंने कहा कि समय की मांग अभी ग्रोथ को सपोर्ट करने की है। उन्होंने कहा कि मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर में कैपिसिटी यूटिलाइजेशन सुधरा है और यह इस वित्त वर्ष की दूसरी तिमाही में 63.3% रहा जो Q1 में केवल 47.3% था। उन्होंने कहा कि अर्थव्यवस्था में रिकवरी और तेज हुई है।

बताते चलें कि आरबीआई ने आज रेपो रेट या रिवर्स रेपो रेट में कोई बदलाव नहीं किया है। इससे पहले पिछली 3 बार के बैठकों में प्रमुख नीतिगत दरों में कोई बदलाव नहीं किया गया था। उससे पहले केंद्रीय बैंक दो बैठकों में नीतिगत दर में 1.15 प्रतिशत की कटौती कर चुका है। फिलहाल रेपो दर 4 प्रतिशत, रिवर्स रेपो दर 3.35 प्रतिशत और सीमांत स्थायी सुविधा (एमसीएफ) दर 4.25 प्रतिशत पर बरकरार है।

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महंगाई दर अनुमान से बेहतर स्थिति में
RBI गर्वनर ने कहा, महंगाई दर अनुमान से बेहतर स्थिति में है। फ्यूल कीमतें बढ़ने से महंगाई पर तोड़ा असर पड़ा है। सब्जियों के दाम निकट भविष्य में नरम रहने की उम्मीद, 2020-21 की चौथी तिमाही में मुद्रास्फीति संशोधित किया गया है, इसके 5.2 प्रतिशत रहने का अनुमान है। उन्होंने कहा कि वित्त वर्ष 2021-22 में खुदरा महंगाई दर से जुड़े पूर्व के 5.8 फीसदी के अनुमान को संशोधित कर 5.2-5 फीसदी किया गया है।

इकोनॉमी में तेज रिकवरी के संकेत
आरबीआई गवर्नर शक्तिकांत दास ने कहा, इकोनॉमी में रिकवरी के संकेत हैं। उन्होंने कहा कि रिकवरी के संकेत और बेहतर हुए हैं और ऐसे सेक्टर्स की संख्या बढ़ रही है, जहां चीजें सामान्य हो गई हैं। दास ने अगले वित्त वर्ष 2021-22 में जीडीपी में 10.5 फीसदी की बढ़त का अनुमान लगाया है। बता दें कि बजट में यह 11 फीसदी होने का अनुमान लगाया गया है।

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फाइनेंशियल सेक्टर के लिए घोषणा
आरबीआई गवर्नर ने फाइनेंशियल सेक्टर के लिए अतिरिक्त उपाय किए हैं। NBFC को On Tap TLTRO के दायरे में डाला है। डिफॉल्ट कॉर्पोरेट बॉन्ड में FPI को छूट दी गई है।

रिटेल निवेशक सरकार के साथ निवेश के लिए खोल सकते हैं खाता
भारतीय रिजर्व बैंक के गवर्नर शक्तिकांत दास ने आज कहा कि रिटेल निवेशक जल्द ही सरकार के साथ सरकार के बॉन्ड में निवेश के लिए खाता खोल सकते हैं। आरबीआई जल्द ही इस संबंध में दिशा-निर्देश जारी करेगा। इस कदम भारत में बॉन्ड मार्केट को मजबूत बनाने में मदद करेगा।

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