बहराइच। बीमार लोगों के स्वास्थ्य के साथ खिलवाड़ करने के साथ धन उगाही के जुगाड़ में स्वास्थ्यकर्मी रहते हैं।
- एक ओर जहां उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ प्रदेश की जनता को मुफ्त।
- और बेहतर से बेहतर स्वास्थ्य सेवाएं देने के दावे और वादे कर रहे हैं।
- वहीं उनके मातहतों ने उस पर पानी फेरने की ठान ली है।
- भ्रष्टाचार की जड़ों में जकड़े स्वास्थ्यकर्मी इंसानियत को शर्मसार करने से भी कोई गुरेज नहीं कर रहे हैं।
मामला एक प्रसूता की डिलीवरी का है जिसकी डिलीवरी के समय पीड़िता के इलाज के बजाए स्वास्थ्यकर्मी उससे अवैध तरीके से धन वसूलने में लग गये। सरकारी अस्पताल में ही उससे ऑपरेशन के नाम पर ढाई हजार रुपये वसूले गये। यही नही डिलीवरी होने के बाद साफ सफाई के नाम पर उससे 300 रुपये दोबारा वसूल किये गये। पिछले कई दिनों तक भर्ती रही महिला की तकलीफें बढ़ती बढ़ती ही गई। लेकिन स्वस्थ होने की आस लेकर आई महिला का इलाज पैसों के अभाव में डॉक्टर के साथ स्वास्थ्यकर्मियों ने मना कर दिया।
टांके लगाने के नाम पर लिये गये रूपये
पीड़िता के पति ने उसके साथ हुई इस शर्मनाक घटना की लिखित शिकायत पत्र के माध्यम से उत्तर प्रदेश के राज्यपाल और मुख्यमंत्री सहित आला अधिकारियों से करते हुए न्याय की गुहार लगाई है। जिला अस्पताल कहने को तो लोगों को मुफ्त चिकित्सा सुविधाएं उपलब्ध कराता है, लेकिन असलियत में मुफ्त कुछ होता ही नहीं है। बस्ती निवासी रेखा के पति रेवती रमन पुत्र स्व0 सूरज प्रसाद ने महिला जिला अस्पताल के डॉक्टर नर्स सहित स्टाफ पर धन उगाही के गम्भीर आरोप लगाये हैं। रेवती रमन का कहना है कि बीती 2 जनवरी को उसने अपनी पत्नी को डिलीवरी के लिए जिला अस्पताल में भर्ती कराया। जिससे दवाई, टांके, खून चढ़ाने और साफ सफाई के लिए वसूली की गई। उसके बावजूद वह स्वस्थ नहीं हो सकी।
रिपोर्ट— फराज अंसारी