रायबरेली। जिम्मेदार अधिकारी पर्यावरण दिवस पर ही पर्यावरण पर ध्यान नहीं दे रहे हैं। गांव गांव फैली गंदगी और पतित पावन गंगा तट का कूडा़ से पटा होना साथ ही साथ अवैध संचालित कोयला भट्ठीयां व हरे पेडों के कटान पर विराम न लगने से ये साफ जाहिर है कि हर बार कागजी कोरम मे शपथ लेने के बाद उसके जिम्मेदार मातहत हाथ पर हाथ धरे रहते है।
पर्यावरण दिवस पर
पर्यावरण दिवस पर पर्यावरण का यह हाल सांसद सोनिया गांधी के संसदीय क्षेत्र का है।यहां पर यदि ऊंचाहार तहसील की बात करें तो ब्लाक ऊंचाहार मे 54 ग्राम पंचायत हैं रोहनिया ब्लाक में 26 व जगतपुर ब्लाक में 26 के तकरीबन ग्राम पंचायते है।जहां के गांवो मे नाली बजबजा रही है जहां के गंदगी के साफ सफाई के लिये रखे गये सफाई कर्मचारी गांव न जाकर ब्लाक व ग्राम प्रधान के घर तक सीमित होकर अपना मानदेय उठा रहे है।जिसके कारण गांव की नालियां व लगा कूडा संक्रामक रोग का दावत दे रहा है जिससे वातावरण भी दूषित हो रहा है।
ऊंचाहार कोतवाली के गांव पर्वतकापुरवा मलकाना,कल्यानी,कोटराबहादुरगंज,जमुनियाहार,रामदीनकापुरवा ,सरविरवन आदि जगहों पे सरेआम अवैध रूप से कोयला भट्ठियां धधक रही है जिसके कारण कोयला भट्ठियों का जहां हरी भरी आम ,महुआ,शीशम ,नीम की कटान करके स्वच्छ वातावरण को प्रदूषित किया जा रहा है तो वहीं कोयला भट्ठियो से निकले जानलेवा बीमारी को दावत देने वाली धुआं की धुंध स्वच्छ हवा को दूषितकर रही है।जिसके कारण हर वर्ष विश्व पर्यावरण तो सरकारी कर्मचारी व अधिकारी मनाता है दावे भी करता है उन दावो की पोल खोलने के लिये हमारे ये फोटो चंद ही पर्याप्त है।
हलाकि वन विभागयप्रशासनिक व पुलिस विभाग आदि की लापरवाही है।क्या आज पर्यावरण दिवस यूं मनाया जायेगा हलाकि यहां पे गंगा तट तक की दूषित होना व वहां पे कूडा़ कबाडा फेंकने जैसी समस्या पर विराम कब लगेगा ये भी एक पहेली बनकर गूंज रहा है हलाकि पौधरोपड़ के नाम पे करोडों रूपये खर्च किये गये जिसमे काफी तो जेबे गर्म करने तक तो जो पेड़ लगे वे घटिया लगने पे बहुत ही कम पेड़ चल पाये है जिसका कारण पेड़ लगने के बाद रखाव व देखरेख न होना भी है।उधर एसडीएम राजेश तिवारी ने बताया कि प्रकरण में जांच करवाकर विधिक कार्रवाई की जायेगी।