ठंड का मौसम खुशियों का मौसम होता है, इस खुशनुमा मौसम का मतबल है ढेर सारे त्यौहार, छुट्टियां और कई और चीजें। सर्दियों का यह मौसम बच्चों और बुजुर्गों की सेहत के लिये परेशानी खड़ी कर कर सकता है, ठंड का यह मौसम अपने साथ हमेशा ही कुछ चुनौतियां और सेहत से जुड़े खतरे लेकर आता है, खासकर बुजुर्गों के लिये. वातावरण में काफी बदलाव होने की वजह से बुजुर्गों के लिये एक सामान्य जीवनशैली का पालन कर पाना मुश्किल हो जाता है। सर्दियों के मौसम में बीपी और शुगर घटते-बढ़ते रहते हैं इसलिए हार्ट अटैक या हार्ट की प्रॉब्लम बढ़ने की आशंका ज्यादा रहती है। इतना ही नहीं, सर्दी की वजह से दिल की नलियां सिकुड़ जाती हैं। ऐसे में हार्ट के पेशंट को ज्यादा सावधान रहने की जरूरत होती है। ऐसे में क्या करें और क्या न करें….
ठंड से बचाव न करना
ठंड में ज्यादा घूमने-फिरने से ठंड से हार्ट की आर्टरीज सिकुड़ जाती हैं। शरीर को गरम रखने के लिए हार्ट को ज्यादा जोर लगाना पड़ता है यानी हार्ट को ज्यादा ब्लड सप्लाई की ज़रूरत पड़ती है। यदि किसी को पहले से हार्ट ब्लॉकेज है तो एंजाइना या छाती में दर्द और हार्ट अटैक का खतरा बढ़ जाता है।
दवाओं की कम डोज
अपने डॉक्टर से बातचीत करके हम लोग बीपी की दवाइयां नहीं बढ़वाते जबकि गर्मी के मुकाबले सर्दी में ब्लड प्रेशर ज्यादा बढ़ जाता है और ज्यादा दवाइयों की जरूरत होती है। इससे हार्ट की प्रॉब्लम बढ़ जाती है।
गलत खान-पान
सर्दियों में ज्यादातर समस्याएं गलत खान-पान की वजह से होती है। इन्हें सही करने से परेशानी काफी हद तक दूर हो जाएगी सर्दियों में खान-पान सही रखना बहुत जरूरी है। गलत खान-पान ना करें। भारी भोजन करें। तेल मसाला कम खाएं। इन दिनों शरीर में एसिडिटी बढ़ जाती है। इससे हार्ट में क्लोट्स बनने लगते हैं। सुबह उठकर गुनगुना पानी पीना चाहिए। गुनगुने पानी में चम्मच शहद और आधा नींबू मिलाकर पिएं। यह शरीर की एसिडिटी को कम करेगा जो दिल के लिए बेहद नुकसानदायत होती है।
पलूशन का ध्यान न रखना
सर्दी में पलूशन बढ़ने से फेफड़ों और ब्लड सर्कुलेशन से संबंधित समस्या पैदा होती है। इससे भी हार्ट प्रॉब्लम बढ़ती है। जब पलूशन का स्तर ज्यादा हो तो बाहर न निकलें।
जीवन शैली गलत होना
कुछ लोग सर्दियों में अचानक कसरत शुरु कर देते हैं जबकि पहले नहीं करते। इससे भी हार्ट को शॉक लगता है। कोई भी एक्सरसाइज करने से पहले डॉक्टर की सलाह जरूर लें। अगर पहले से योग शुरू करने से पहले किसी योग गुरु की सलाह जरूर लें। तनाव से बचें।
डाइट में लें ये चीजें
-संतरा, मौसमी, कीनू, कीवी, अनार, पाइनएपल, आंवला आदि से शरीर में विटामिन-सी बढ़ता है और ब्लड सर्कुलेशन बेहतर होता है। साथ ही कच्ची-हरी सब्जियां और साग खाएं। हरी पत्तेदार सब्जियां कच्ची खाएंगे तो 100% पोषण मिलेगा, जिससे आप दिल की बीमारियों से बचे रहें। सब्जियों वाला रागी, ओट्स, जौ, ज्वार या बाजरे का दलिया भी कोलेस्ट्रॉल कंट्रोल करता है, जिससे दिल की बीमारियों का खतरा कम होता है।
इन चीजों से रखें परहेज
-एक दिन में देसी घी, मक्खन या कोई भी तेल कुल मिलाकर 3 चम्मच यानी 15 मिलीलीटर से ज्यादा न हो।
-बिस्किट और नमकीन आदि या तो ना लें या बहुत ही कम मात्रा में लें।
-शराब, सिगरेट आदि का सेवन भी दिल की बीमारी की वजह है। ब्रांडी, रम, वाइन और विस्की, सभी से बचें।
एक्सरसाइज और व्यायाम
हर रोज 35 से 40 मिनट वॉक करें यानी 3-4 किलोमीटर चलें। हेवी एक्सरसाइज या हार्ट पर लोड डालने वाली गेम्स खेलने से बचें। त्रिकोणासन, पादहस्तासन, शशांकासन, अर्धवक्रासन, उत्तानपादासन, मेरुदंडासन, भुजंगासन और शलभासन आसन आपके लिए फायदेमंद हो सकते हैं।
इन बातों का रखें खास-ख्याल
-जब ज्यादा ठंड हो हार्ट पेशंट बाहर ना जाएं।
-छाती को ठंडी हवा न लगने दें, खासकर सुबह के समय।
-सर्दियों में हार्ट पेशंट धूप निकलने पर ही सैर के लिए जाएं।
– ठंडे पानी की जगह गुनगुने पानी से ही नहाएं।
-अर्जुन छाल का काढ़ा बनाकर पिएं। तुलसी, पुदीने, धनिए, दालचीनी आदि का पानी भी पी सकते हैं।-लौकी के जूस में काली मिर्च भी डालकर पिने से भी फायदा मिलेगा।
-सर्दियों में प्यास कम लगती है, लेकिन पानी पीते रहना चाहिए जिससे शरीर से टॉक्सिन्स निकलते रहें।
-बिना डॉक्टर की सलाह से दवा न बदलें और न लें।
-साल में एक बार सर्दियों में वैक्सीन जरूर लगवा लें।
-इसके अलावा 7 से 8 घंटे की नींद लें।