लखनऊ। सूबे की महिलाओं और किशोरियों की सुरक्षा, सम्मान और स्वावलंबन के लिए चलाये जा रहे विशेष मिशन शक्ति अभियान के तहत मार्च माह की थीम “महिलाओं तथा बच्चों में सामाजिक व्यवहार परिवर्तन संचार” तय की गयी है। इसके तहत महिलाओं और बच्चों को अपने हक़ की लड़ाई में प्रभावी संचार की भूमिका के बारे में जागरूक किया जाएगा। इसके साथ ही समाज में सामाजिक व्यवहार परिवर्तन संचार के माध्यम से रुढ़िवादी मान्यताओं को दूर करने के लिए सकारात्मक माहौल बनाया जाएगा। इसके अलावा समाज में सकारात्मक बदलाव लाने वाली महिलाओं की पहचान कर उनकी सफलता की कहानियों का ज्यादा से ज्यादा प्रचार-प्रसार किया जाएगा ताकि अन्य महिलाओं के लिए वह प्रेरक की भूमिका अदा कर सकें।
महिला कल्याण विभाग द्वारा मिशन शक्ति के तहत अब तक करीब 7.06 करोड़ लोगों को जागरूक किया गया है, जिसमें 4,27,45,135 महिलाएं और 2,78,68,302 पुरुष शामिल हैं। महिला कल्याण विभाग के निदेशक और मिशन शक्ति के नोडल अधिकारी मनोज कुमार राय का कहना है कि बहुत से क्षेत्रों में आज भी महिलाओं और बच्चों को भेदभाव व लैंगिक असमानता का शिकार होना पड़ता है, ऐसे में उनको उन स्थितियों से उबारने में प्रभावी संचार की बड़ी भूमिका है। इसी को ध्यान में रखते हुए यूनिसेफ के सहयोग से विशेष सामाजिक व्यवहार परिवर्तन संचार माड्यूल तैयार किया गया है और मार्च माह में इसी माड्यूल के माध्यम से जनजागरूकता कार्यक्रमों का संचालन किया जाएगा। इन कार्यक्रमों में हम बाल विकास सेवा एवं पुष्टाहार विभाग के साथ सम्मिलित रूप से कार्य कर रहे हैं।
कार्ययोजना के मुताबिक एक से सात मार्च तक प्रत्येक जनपद के ग्रामीण व शहरी क्षेत्रों की ऐसी महिलाओं की पहचान की जाएगी जिनके प्रयासों ने समाज के विभिन्न क्षेत्रों में सकारात्मक बदलाव लाये हों। इसके साथ ही उनकी कहानी अन्य महिलाओं के लिए प्रेरणा का काम कर सके। इनमें वह महिलाएं भी शामिल हो सकती हैं जिन्होंने महिलाओं और बच्चों के विकास, सुरक्षा व संरक्षण के लिए असाधारण कार्य किये हों। इनमें महिला कल्याण या बाल विकास सेवा एवं पुष्टाहार विभाग की प्रतिभावान, सरवाइवर या प्रेरक महिलाओं को भी शामिल किया जा सकता है।
अनंता : महिला कल्याण विभाग ने इस तरह का सामाजिक बदलाव लाने वाली महिलाओं की कहानियों को आमंत्रित किया है ताकि इनकी कहानियों को अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस (आठ मार्च) पर मेगा इवेंट “अनंता” के माध्यम से टीवी, रेडियो, ऍफ़एम, कम्युनिटी रेडियो, टाक शो, गोष्ठियों, समाचार पत्रों के माध्यम से जन-जन तक पहुंचाया जा सके ।
सामाजिक व्यवहार परिवर्तन संचार माड्यूल पर प्रशिक्षण
विभागीय अधिकारियों और कर्मचारियों की मास्टर ट्रेनिंग इसी माड्यूल के आधार पर एक से 10 मार्च के मध्य की जाएगी। इसमें हर जिले के बाल संरक्षण इकाई के एक-एक सदस्य, महिला शक्ति केंद्र से एक-एक सदस्य, हर जिले से चार-चार मुख्य सेविका को बैचवार प्रशिक्षण दिया जाएगा। यह प्रशिक्षण राज्य स्तर पर ऑनलाइन दिया जाएगा। यही मास्टर ट्रेनर अन्य विभागीय अधिकारियों और कर्मचारियों को 10 से 31 मार्च के मध्य प्रशिक्षण प्रदान करेंगे। इसमें जिला बाल संरक्षण इकाई, महिला शक्ति केंद्र, वन स्टॉप सेंटर, मुख्य सेविका और आंगनबाड़ी कार्यकर्ता व सहायिका को शामिल किया जाएगा।
मिशन को सतत रूप से आगे बढ़ाने का रोड मैप होगा तैयार
महिला कल्याण विभाग के आह्वान पर समस्त जिलाधिकारी ‘मिशन’ को अप्रैल 2021 के बाद भी सतत रूप से जारी रखने हेतु अगले एक वर्ष का रोड मैप तैयार करके 31 मार्च तक विभाग को सौंपेंगे। इसके अंतर्गत महिलाओं और बच्चों के मुद्दों के लिए अलग-अलग कार्ययोजना तैयार की जाएगी।