केदारनाथ आपदा को आज पूरे आठ साल का समय हो चुका है और इन आठ सालों में केदारनाथ की तस्वीर भी काफी बदल चुकी है. धाम में पुनर्निर्माण का कार्य आज भी जारी है. केदारनाथ पुनर्निर्माण में नेहरू पर्वता रोहण संस्थान का अहम योगदान रहा है.
केदार सभा के अध्यक्ष विनोद शुक्ला, आचार्य संतोष त्रिवेदी, जिपं सदस्य गणेश तिवारी का कहना है कि आने वाले दिनों में बोर्ड के विरोध में आंदोलन तेज किया जाएगा, जिसकी रूपरेखा तैयार की जा रही है।
जिला मुख्यालय रुद्रप्रयाग में तीर्थ पुरोहित डॉ. विनीत पोस्ती ने जिलाधिकारी मनुज गोयल से भेंटकर उन्हें ज्ञापन सौंपा। उन्होंने केदानाथ धाम के तीर्थपुरोहितों के हक-हकूकों का संरक्षण व बोर्ड को भंग करने की मांग की है।
आपदा के बाद इस संस्थान ने धाम के लिए गौरीकुण्ड से केदारनाथ पैदल मार्ग को तैयार किया. आपदा से ध्वस्त हो चुके 16 किमी पैदल मार्ग को निम ने दूसरी जगह से तैयार कर 18 किमी का बनाया, जो अब काफी सुगम है और यात्रियों के लिए राहत भरा भी है.
केदार पुनर्निर्माण के लिए मनमोहन की तत्कालीन केंद्र सरकार ने जी भरकर पैसे मंजूर किए। प्रभावित क्षेत्रों के पुनर्निर्माण पर 2,700 करोड़ रुपए खर्च हुए। पुनर्निर्माण की ये शुरुआत मौजूदा भाजपा सरकार में भी जारी है।