RTI (सूचना का अधिकार) के ज़रिये सरकार से विभिन्न योजनाओं के बारे में जानकारी हासिल करने का अधिकार जनता को मिलता है लेकिन कई राज्यों में मनमानी के चलते इसका आवेदन शुल्क मनमाने तरह से रख दिया जाता है। जिससे आम जनता को परेशानी होती है।
सुप्रीम कोर्ट का आदेश, RTI की दरें निर्धारित
- आम लोगों की समस्याओ को देखते हुए सुप्रीम कोर्ट ने आरटीआई की दरें निर्धारित करने का आदेश दे दिया है।
- दरअसल इस संबंध कॉमन कॉज नाम की संस्था ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की थी।
- जिसके बाद सर्वोच्च न्यायालय ने कहा कि ‘सूचना का अधिकार अधिनियम’ (आरटीआई) के तहत दिए जाने वाले आवेदनों के लिए अधिकतम शुल्क 50 रुपये होगा और फोटोकॉपी शुल्क पांच रुपये प्रति पृष्ठ होगा।
सभी संस्थानों पर लागू होंगी ये दरें
एक गैर सरकारी संगठन ‘कॉमन कॉज’ ने न्यायालय में याचिका दायर की थी कि आरटीआई आवेदन के लिए ज्यादा शुल्क लेकर जनता को इस सेवा के लिए हतोत्साहित किया जा रहा है, ताकि उन्हें जानकारी न मिल सके। जबकि केंद्र सरकार के नियमानुसार आरटीआई आवेदन का शुल्क 10 रुपये है तथा दस्तावेजों की फोटोकॉपी का शुल्क दो रुपये है।
सर्वोच्च न्यायालय का आदेश उच्च न्यायालयों, विधानसभाओं और अन्य सरकारी और आरटीआई अधिनियम के दायरे में आने वाली सभी स्वायत्त संस्थाओं पर लागू होगा।