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यूक्रेन और ताइवान मसले पर रूस और चीन कर रहे एक दूसरे को सपोर्ट, क्या अमेरिका को इससे होगा नुक्सान ?

चीन और रूस की दोस्ती जगजाहिर है। मॉस्को और बीजिंग के बीच कई मसलों पर मतभेद हैं लेकिन दोनों देश के बीच याराना संबंध हैं। अब जब यूक्रेन को लेकर अमेरिका रूस पर प्रतिबंध लगाने की धमकी दे रहा है तो रूस और चीन के बीच दोस्ती और गहरी होती दिख रही है।

 उन्होंने चीन और रूस की दोस्ती को लेकर अपनी बात दी ट्रिब्यून के एक लेख में लिखी है। उन्होंने कहा है कि रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के वादों के बावजूद यूक्रेन पर सैन्य हमले का खतरा बना हुआ है।

2027 से पहले चीन ताइवान पर हमला कर सकता है। बीजिंग के पास इस क्षेत्र में अमेरिका को हारने के लिए पर्याप्त क्षमताएं हैं। चीन यूक्रेन मसले पर रूस को और रूस ताइवान मसले पर चीन को सपोर्ट करता है।

बीजिंग में विंटर ओलंपिक्स जारी है। इसके उद्घाटन समारोह में रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन भी पहुंचे थे। यहां दोनों देशों की दोस्ती दुनिया ने देखी। मॉस्को ने कहा है कि वह ताइवान पर बीजिंग के रुख का पूरी तरह से समर्थन करता है

श्याम शरण ने कहा है कि रूस और चीन को लगता है कि मौजूदा जियोपॉलिटिकल हालात उन्हें अमेरिका और अंतरराष्ट्रीय व्यवस्था के पश्चिमी प्रभुत्व को कमजोर करने और अपने स्वयं के हितों के अनुरूप इसे फिर से आकार देने का अवसर प्रदान करता है।

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