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रूस – यूरोपियन यूनियन में तनाव बढ़ा, स्वीडन, जर्मनी और पोलैंड के राजनयिकों को निकाला

रूस ने यूरोपियन यूनियन (ईयू) के लिए बेहद असहज स्थिति पैदा कर दी है. उसने अपने यहां से स्वीडन, जर्मनी और पोलैंड के राजनयिकों को निकालने का एलान उस वक्त किया, जब ईयू के विदेश नीति संबंधी प्रमुख जोसेफ बॉरेल मास्को की यात्रा पर हैं. इतना ही नहीं, रूस के विदेश मंत्री सर्गेई लावरोव ने बॉरेल की मौजूदगी में यह कहा कि ईयू एक अविश्वसनीय साझेदार है. उन्होंने तभी रूस के राष्ट्रपति व्लादीमीर पुतिन के विरोधी नेता अलेक्सी नवालनी को जहर दिए जाने के मामले में यूरोपीय नेताओं पर झूठ बोलने का आरोप मढ़ दिया.

गौरतलब है कि नवालनी को इलाज करा कर देश लौटते ही गिरफ्तार कर लिया गया था. उसकी पश्चिमी देशों में कड़ी निंदा हुई. इसके बावजूद बॉरेल ने रूस यात्रा का कार्यक्रम नहीं टाला. उन्होंने कहा था कि इस यात्रा के लिए उन्हें आमंत्रण काफी पहले मिला था. रूस के साथ बातचीत जारी रखने की जरूरत बताते हुए वे मास्को आए.

लेकिन लावरोव के साथ प्रेस कांफ्रेंस में उन्हें असहज स्थितियों का सामना करना पड़ा. उसके बाद तीन यूरोपीय देशों के राजनयिकों को अपने यहां से निकालने का एलान रूस ने किया. इन राजनयिकों पर आरोप है कि उन्होंने नवालनी की गिरफ्तारी के विरोध में हुए प्रदर्शनों में हिस्सा लिया था.

शुक्रवार को जर्मनी की चांसलर एंजेला मर्केल और फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों के बीच सुरक्षा नीति और सहयोग के बारे में एक वर्चुअल बैठक हुई. इसमें रूस के ताजा रुख और कदमों पर चर्चा हुई. दोनों नेताओं ने अलेक्सी नवालनी के साथ रूस सरकार के व्यवहार की निंदा की. मैक्रों ने कहा कि रूस ने जो कदम उठाया है, वह कूटनीतिक तनाव को दूर करने का सही तरीका नहीं है.

मर्केल ने इससे सहमति जताते हुए कहा कि नवालनी के साथ जो सलूक किया जा रहा है, वह कानून के शासन के सिद्धांत के मुताबिक नहीं है. उन्होंने कहा- हम नवालनी की गिरफ्तारी और तीन देशों के राजनयिकों को निकालने की कार्रवाई की निंदा करते हैं. साथ ही रूस खासकर वहां के अधिकारियों के खिलाफ पाबंदी जारी रखने का हमारा अधिकार सुरक्षित है.

यहां बॉरेल के साथ एक प्रेस कांफ्रेंस में लावरोव ने अमेरिका की प्रतिबंध लगाने की नीति के प्रति ईयू के रुख की कड़ी आलोचना की. उन्होंने आरोप लगाया कि ईयू बहुपक्षीयवाद को आगे बढ़ाने का पाखंड करता है, लेकिन असल में वह प्रतिबंध लगाने की अमेरिकी नीति की ढाल बन जाता है. बॉरेल की उपस्थिति में उन्होंने रूस पर लगाए गए ईयू के प्रतिबंधों की निंदा की. ईयू ने ये प्रतिबंध तब लगाए थे, जब रूस ने क्राइमिया इलाके को खुद में मिला लिया था. उसके पहले ये इलाका यूक्रेन का हिस्सा था. लावरोव ने कहा कि ईयू ने झूठा बहाना बनाकर एकतरफा और गैरकानूनी ढंग से ये प्रतिबंध लगाए.

वेबसाइट पोलिटिको.ईयू ने एक टिप्पणी में लिखा है कि बॉरेल की यात्रा और प्रेस कांफ्रेंस में उनका प्रदर्शन कूटनीतिक रूप से हानिकारक साबित हुए. बॉरेल स्पेन के विदेश मंत्री रह चुके हैं. वेबसाइट ने ध्यान दिलाया है कि जब लावरोव ने ईयू को अविश्वसनीय साझेदार बताया, तो बॉरेल चुपचाप खड़े रहे. इस तरह रूस ने एक बड़ी कूटनीतिक जीत हासिल कर ली.

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