प्रयागराज। कुंभ मेले में देश भर से आए हजारों साधु-संतों जुटान देखने को मिल रहा है। जो आस्था इस महापर्व के मौके पर स्नान करने के लिए यहां पहुंचे हुए हैं। अगर आप मेले में स्नान के लिए जायेंगे तो वहां आपको भांति-भांति के हठ योगी अलग-अलग साधना मुद्रा में नजर आ जायेंगे।
बाबा कांटों के बिस्तर पर
इन्हीं में से एक हैं कांटों वाले बाबा।ये बाबा कांटों के बिस्तर पर लेटे रहते हैं। जिसने पैर में चुभे कांटे की पीर झेली होगी वो समझ सकता है कि कांटों के बिस्तर पर सोना कितना कष्टदाई हो सकता है। बाबा का यह बिस्तर देखकर उधर से गुजर रहा हर सख्स सहम जाता है।
पाप का प्रायश्चित!
बाबा कांटों के बिस्तर पर क्यों सोते हैं इसके पीछे की वजह काफी हैरान करने वाली है। बाबा का तर्क है कि उन्होंने 18 साल की उम्र में कई पाप किए थे,यह उन्हीं पापों का प्रायश्चित हैं।
कांटों वाले बाबा का असली नाम लक्ष्मण राम है। बाबा का कहना है कि जब वह 18 साल के थे तब उन्होंने गलती से गौ हत्या कर दी थी। जिसके बाद से वह प्रायश्चित करने की कोशिश कर रहे हैं। बाबा माघ मेले और कुंभ के दौरान में प्रयागराज आते हैं। इस दौरान चढ़ावे से उन्हें जो भी धन प्राप्त होता है उसका इस्तेमाल वो गायों की सेवा करने में करते हैं।