इन्दौर। सेज यूनीवर्सिटी (Sage University) के सिविल इंजीनियरिंग डिपार्टमेंट के थर्ड ईयर बीटेक और डिप्लोमा के छात्रों ने यूआरसी कंस्ट्रक्शन प्राइवेट लिमिटेड से 15 दिवसीय इंटर्नशिप सकुशल प्राप्त की है। सेज यूनिवर्सिटी का मानना है कि कोई भी डिग्री या प्रोग्राम बिना किसी प्रैक्टिकल एक्सपोजर और ट्रेनिंग के बिना पूरा नही होता है। क्योंकि छात्र जो नॉलेज रियल वर्क प्लेस पर प्राप्त करते है वो किताबी नॉलेज से कई ज्यादा जरूरी होता है।
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इंटर्नशिप ही एक छात्र को करियर की खोज, विकास और नए कौशल सीखने का अवसर देती है। सेज यूनिवर्सिटी का मानना है कि भावी पीढी को ना की किताबी नॉलेज साथ ही प्रैक्टिकल नॉलेज भी देना बहुत जरूरी है इसीलिए यहां का पाठ्यक्रम इसी प्रकार से डिजाइन किया गया है।
इंटर्नशिप छात्र को न केवल प्रोफेशनलिज्म विकसित करने में मदद करती है, बल्कि इससे सेल्फ ग्रोथ में भी सहयोग मिलता है। सेज यूनिवर्सिटी प्रैक्टिकल एजुकेशन की ओर लगातार बढ़ रही है। इंटर्नशिप उन लोगों को बहुत ज्यादा फायदा देती है जो अपने चुने हुए फील्ड में रियल वर्ल्ड एक्सपोजर चाहते हैं।
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पर्सनल डेवेलपमेंट में सहयोग करने वाली इंटर्नशिप कई तरह की होती हैं, इनमें वर्चुअल, फुलटाइम, पार्ट टाइम, पेड और अनपेड शामिल हैं। आप किसी भी तरह की इंटर्नशिप चुनें, उसका प्रभाव एक समान ही होता है, फिर भी फुलटाइम और पेड इंटर्नशिप को ज्यादा बेहतर माना गया है, क्योंकि इसमें स्टूडेंट्स रियल वर्कप्लेस में काम करने के साथ ही पैसे भी कमा सकते हैं। इंटर्नशिप छात्रों को वर्कप्लेस में नए विचार और ऊर्जा लाने, प्रतिभा विकसित करने और भविष्य के फुल टाइम कर्मचारियों के लिए संभावित रूप से एक कनेक्शंस बनाने का अवसर प्रदान करती है।
इंटर्नशिप न केवल प्रोफेशनलिज्म विकसित करने में मदद करती है, बल्कि इससे सेल्फ ग्रोथ में भी सहयोग मिलता है। इसलिए भी इंटर्नशिप का महत्व बहुत है। छात्र में तमाम गुण जैसे, इंटीग्रिटी, कमिटमेंट और सेल्फ मोटिवेशन विकसित करने लगते हैं। इंटर्नशिप के दौरान, कई सारे कार्य करने होते हैं, इससे आपकी प्रबंधन क्षमता मे इजाफा होता है और टीम के साथ काम करने से इंटरपर्सनल और कम्यूनिकेशन स्किल में सुधार आता हैं।
एक छात्र के लिए रेज्यूमे बनाने से कठिन काम और कुछ नहीं होता। इंटर्नशिप का महत्व केवल आपको मिले एक्सपीरिएंस तक ही सीमित नहीं है, बल्कि बहुत सी नई बातें सिखाती है, स्किल को भी निखारती है। छात्र इंटर्नशिप का महत्व को तब समझेंगे जब आप अपनी उपलब्धियों की लिस्ट एक पेपर पर बनाएंगे। इसलिए, इंटर्नशिप पूरी करने के बाद, आपको बैठकर उन बातों पर विचार करने की जरूरत है जिन्हें आपने सीखा है और किस प्रकार ये आपके प्रोफेशनली और पर्सनली काम आ सकते हैं। इससे आपके सीवी को सामान्य से ज्यादा महत्व मिलता है।
विश्व विद्यालय के इन विभागाध्यक्ष शिक्षक शिक्षिकाओं ने छात्रों को सराहना की..
- इंटर्नशिप कोऑर्डिनेटर – प्रो प्राची गौर,
- ट्यूटर गार्जियन – प्रो प्रिया यादव,
- प्रोग्राम कोऑर्डिनेटर – डॉ अतुल भटौरे,
- हेड ऑफ डिपार्टमेंट – प्रो श्रेयांस कुमार जैन,
- हेड ऑफ इंस्टीट्यूट – डॉ रजत भंडारी,
- डीन इंजीनियरिंग – डॉ अखिलेश उपाध्याय,
- डायरेक्टर जनरल – डॉ सुधीर अग्रवाल