- Published by- @MrAnshulGaurav
- Friday, June 17, 2022
छत्तीसगढ़। राष्ट्रीय शिक्षक संचेतना,उज्जैन एवं कांनफ्लुएंस कॉलेज ऑफ हायर एजुकेशन, राजनांदगांव छत्तीसगढ़ के संयुक्त तत्वावधान में राष्ट्रीय संगोष्ठी का आयोजन किया गया। जिसका विषय “संत श्री कबीर दास जी की वर्तमान मे प्रासंगिकता के सन्दर्भ मे था । इस संगोष्ठी के मुख्य अतिथि डॉ. परदेशी राम वर्मा वरिष्ठ साहित्यकार एवं डॉ विनय कुमार पाठक पूर्व अघ्यक्ष राजभाषा आयोग रहे।
मुख्य अतिथि डॉक्टर परदेशी राम वर्मा ने कहा कि छत्तीसगढ़ में भी कबीर की तरह के संत हुए हैं। गुरु घासीदास जैसे संतों का उदाहरण उन्होंने दियाविशिष्ट अतिथि डॉ विनय कुमार पाठक ने कहा कि छत्तीसगढ़ में दामाखेड़ा कबीरधाम यह ऐसे क्षेत्र हैं जहां कबीरपंथी ओं कबीर के अनुयायियों का श्रद्धा केंद्र है।जहां हर बरस मेले लगते हैं और कबीर पंक्तियों का जमावड़ा होता है।
मुख्य वक्ता डॉ मुक्ता कौशिक, राष्ट्रीय मुख्य प्रवक्ता ने कहा कि कबीर दास जी 15 वीं सदी के भारतीय रहस्यवादी कवि और संत थे। वे हिंदी साहित्य के भक्ति कालीन युग में परमेश्वर की भक्ति के लिए एक महान प्रवर्तक के रूप में उभरे। विशेष अतिथि डॉ सोनाली,समाज सेविका, भिलाई ने कहा कि संत कबीर हम सबके लिए एक आदर्श व्यक्तित्व हैं। विशिष्ट अतिथि डॉक्टर विनोद वर्मा,बिलासपुर ने कहा कि कबीर हिंदू धर्म व इस्लाम को मानते हुए धर्म सर्वोच्च ईश्वर में विश्वास रखते थे।विशिष्ट वक्ता डॉ विनोद वायचाल, महाराष्ट्र ने कहा कि संत कबीर पंथ नामक संप्रदाय उनके शिक्षाओं के अनुयायी हैं।
विशिष्ट वक्ता प्रोफ़ेसर सरोज कुमार गुप्ता,बिहार ने कहा कि संत कबीर के व्यक्तित्व एवं कृतित्व एक आदर्श है। आज की परिपेक्ष्य में प्रासंगिक है। प्रमुख वक्ता डॉ.अनसूया अग्रवाल, राष्ट्रीय संयोजक, महासमुंद ने कहा कि संत कबीर को मस्त मौला कहा। अध्यक्षता कर रहे कान्हा कोशिक वरिष्ठ साहित्यकार,रायपुर ने कहा कि कबीर अध्यात्म दर्शन पर उन्होंने उद्बोधन दिया। राष्ट्रीय शिक्षक संचेतना ने 5 विशेष संतश्री कबीर सम्मान पांच वरिष्ठ साहित्यकार डॉक्टर प्रभु चौधरी, महासचिव, उज्जैन प्रोफेसर सरोज कुमार गुप्ता, बिहार डॉ विनोद वायचाल, महाराष्ट्र श्री कान्हा कौशिक, रायपुर छत्तीसगढ़ को अलकृंत किया गया।
कार्यक्रम का प्रारंभ मां सरस्वती की वंदना से हुआ। स्वागत उद्बोधन राष्ट्रीय शिक्षक संचेतना महिला इकाई की अध्यक्ष सीमा निगम ने अध्यक्ष प्राचार्य डॉ. रचना पांडे कनफ्लुएंस महाविद्यालय राजनांदगांव ने आभार माना कार्यक्रम का सफल संचालन श्री विजय मानिकपुरी आयोजक सचिव ने किया। इस अवसर पर 55 सम्मान प्रदान किए ।गोष्ठी में अनेक शिक्षाविद साहित्यकार उपस्थित रहे।