नवरात्रि, रामलीला और दशहरे के त्योहारी सीजन में केवल दिल्ली में एक हजार करोड़ रुपये का व्यापार होने का अनुमान है। इस दौरान लोगों ने त्योहार में उपयोग की जाने वाली घरेलू वस्तुओं, वाहनों, इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों और कपड़ों की जमकर खरीदारी की है। इससे बाजार को पंख लग गए हैं। अनुमान है कि अगले एक महीने तक बाज़ार में तेजी का यह रुख बरकरार रहेगा और दीपावली के सीजन में लोग जमकर पैसा खर्च करेंगे।
11 दिन के त्यौंहारी सीजन को लेकर एक रिपोर्ट जारी
दिल्ली और देश भर में तीन अक्टूबर से रामलीलाएं, नवरात्रि का सीजन शुरू हुआ था। पूरी राजधानी में करीब एक हजार स्थानों पर रामलीला, नवरात्रि डांडिया और दशहरा पर्व मनाया गया है। इसमें लोगों की जमकर भागीदारी देखी गई। दिल्ली में व्यापारियों और उद्यमियों के शीर्ष संगठन चैंबर ऑफ ट्रेड एंड इंडस्ट्री (सीटीआई) ने दिल्ली में 11 दिन के त्यौंहारी सीजन को लेकर एक रिपोर्ट जारी की है। इसमें राजधानी में बेहतर त्योहारी सीजन होने की बात कही गई है।
सीटीआई के चेयरमैन बृजेश गोयल ने बताया कि रामलीलाओं, डांडिया, दशहरा, दुर्गा पूजा के दौरान कलाकार, सिंगर, मेकअप आर्टिस्ट, टेंट, एलईडी, साउंड, लाइट, म्यूजिक, क्रेन, पोशाक, पुतले बनाने वाले, चाट-पकौड़ी खाने, झूले और खिलौने वालों आदि को कारोबार मिलता है, इसलिए रामलीलाओं और नवरात्रों का अर्थव्यवस्था में बहुत बड़ा योगदान है। इस दौरान लोग अपने परिवार के साथ बाहर निकलते हैं और जमकर पैसा खर्च करते हैं। रामलीलाएं भले ही अक्टूबर से शुरू हुईं, लेकिन इनसे जुड़े लोग महीनों पहले काम शुरू कर देते हैं। किसी रामलीला कमेटी का बजट 25 करोड़ रुपए का होता है तो किसी रामलीला कमेटी का बजट एक करोड़ रुपए तक का होता है।