केंद्र सरकार ने हिंदुस्तान एरोनॉटिक्स लिमिटेड (एचएएल) को महारत्न का दर्जा दिया है। इसके साथ ही यह मुकाम हासिल करने वाले यह 14वां केंद्रीय सार्वजनिक क्षेत्र उद्यम (सीपीएसई) बन गया है। इससे कंपनी को अपने फैसले लेने और अधिक आजादी मिल सकेगी। यह जानकारी सार्वजनिक उद्यम विभाग ने शनिवार को सोशल मीडिया पर दी।
महारत्न का दर्जा एचएएल की परिचालन स्वतंत्रतता और वित्तीय शक्तियों को और बढ़ाएगा, जिससे भविष्य में कई अच्छी विकास परियोजनाओं की संभावना होगी। अब एचएएल परियोजनाओं में अपनी संपत्ति का 15 फीसदी तक निवेश कर सकता है और सरकार की मंजूरी के बिना विदेशी उद्यमों में 5,000 करोड़ रुपये तक का निवेश कर सकता है।
सार्वजनिक उद्यम विभाग ने एक्स पर एक पोस्ट में कहा, वित्त मंत्री ने एचएएल को 14वां महारत्न सीपीएसई के रूप में अपग्रेड करने की मंजूरी दी है। इस प्रस्ताव की सिफारिश पहले वित्त सचिव की अध्यक्षता वाली अंतर-मंत्रालयी समिति (आईएमसी) और कैबिनेट सचिव की अध्यक्षता वाली शीर्ष समिति ने की थी।
एचएएल के अलावा 13 महारत्न एनटीपीसी लिमिटेड, तेल और प्राकृतिक गैस निगम (ओएनजीसी), भारतीय इस्पात प्राधिकरण लिमिटेड (एसएआईएल), भारत हेवी इलेक्ट्रिकल्स लिमिटेड (बीएचईएल), भारतीय तेल निगम लिमिटेड (आईओसीएल), हिंदुस्तान पेट्रोलियम, कोल इंडिया लिमिटेड, गेल इंडिया लिमिटेड, भारत पेट्रोलियम निगम लिमिटेड (बीपीसीएल), पावर ग्रिड निगम, पावर वित्तीय निगम, ग्रामीण विद्युतीकरण निगम लिमिटेड और ऑइल इंडिया लिमिटेड शामिल हैं।