वाराणसी। देववाणी संस्कृत और संस्कृति को नया आयाम देना वाले संपूर्णानंद संस्कृत विश्वविद्यालय (Sampurnanand Sanskrit University) का कोई पुरसाहाल नहीं है। यहां के शिक्षक व कर्मचारी (Teachers And Employees) वर्तमान समय में दो वक्त की रोटी के लिए परेशान हैं। अहम है कि यह विश्वविद्यालय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के संसदीय क्षेत्र वाराणसी (Varanasi) में स्थित है। राष्ट्रीय लोकदल के राष्ट्रीय सचिव विजय श्रीवास्तव (RLD Secretary Vijay Srivastava) ने पीएम मोदी और सीएम योगी से इस विश्वविद्यालय का संज्ञान लेते हुए समस्या के निदान की मांग की है।
उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार संस्कृत और संस्कृति के विकास की बात करती है। इसी सरकार में संपूर्णानंद संस्कृत विश्वविद्यालय की तस्वीर बेहद दयनीय है। संपूर्णानंद संस्कृत विश्वविद्यालय का नियमित कर्मचारी हो या फिर संविदा कर्मचारी हर कोई छ: महीने से जुगाड़ के वेतन पर गुजारा कर रहा था। विगत दो माह से वह जुगाड़ का वेतन भी नसीब नहीं हुआ है। कर्मचारियों के सामने दिक्कत इस बात की है कि वह अपना ईएमआई कैसे भरें? बच्चों की फीस कैसे जमा करें? वहीं संविदा कर्मचारी बीते कई महीनों से वेतन की आस में बैठे हुए हैं।
वर्तमान समय में संपूर्णानंद संस्कृत विश्वविद्यालय की आर्थिक व्यवस्था पूरी तरीके से चरमरा गई है। शासन की ओर से विश्वविद्यालय को 30.76 करोड़ रुपये का बजट आवंटित था, जिसकी तुलना में विश्वविद्यालय को महज 19.68 करोड़ ही ग्रांट ही मिला। इस वजह से अन्य मदों से लगभग तीन करोड़ रुपये वेतन मद में ट्रांसफर कर जैसे-तैसे जुगाड़ से वेतन देना पड़ा।
जानकारी के मुताबिक़ वर्तमान समय में विश्वविद्यालय के सभी बैंक खाते लगभग शून्य हो गया है, जिस वजह से कर्मचारियों को वेतन नहीं मिल पाया है।
कुलपति प्रोफेसर बिहारी लाल शर्मा का कहना है कि कर्मचारियों की ओर से पत्र मिला है कि उन्हें वेतन मिलने में दिक्कतें हो रही हैं। सरकार की ओर से कुछ ग्रांट आया था, उम्मीद है कि एक-दो दिनों में बचा हुआ ग्रांट आ जाएगा। विश्वविद्यालय के कर्मचारियों ने चेतावनी दी है कि अगर यही हाल रहा तो हमें मजबूरी में बड़ा और निर्णायक आंदोलन करना पड़ेगा।
राष्ट्रीय लोकदल के राष्ट्रीय सचिव विजय श्रीवास्तव ने सरकार से संपूर्णानंद संस्कृत विश्वविद्यालय को आवंटित धनराशि तुरंत जारी करने और आवंटन में इजाफा करने की मांग की है। विजय श्रीवास्तव ने कहा है कि यदि विश्वविद्यालय के शिक्षकों इ कर्मचारियों को जल्द वेतन नहीं दिया जाता टी जल्द ही मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को ज्ञापन दिया जाएगा।
गौरतलब है कि संपूर्णानंद संस्कृत विश्वविद्यालय एक ऐतिहासिक धरोहर है, जिसने न केवल संस्कृत एवं संस्कृति को नया आयाम दिया है। ऐसे में विश्वविद्यालय में कर्मचारियों की यह स्थिति बेहद गंभीर विषय है। जानकारी के मुताबिक़ विश्वविद्यालय में टीचिंग, नॉन टीचिंग स्टाफ में कुल 300 से ज्यादा कर्मचारी कार्यरत हैं। वहीं संविदा पर भी 100 से ज्यादा कर्मचारी हैं।