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भारत की कृत्रिम पैर के सहारे एवरेस्‍ट फतेह करने वाली अरुण‍िमा

भारत की कृत्रिम पैर के सहारे एवरेस्‍ट फतेह करने वाली अरुण‍िमा को हाल ही में उज्जैन के महाकाल मंदिर में साड़ी नहीं पहने होने की वजह से दर्शन करने से रोक दिया गया। अरुण‍िमा ने मंद‍िर में अपने साथ हुए इस व्‍यवहार पर अफसोस जताने के साथ ही ट्वीट भी क‍िया है। वहीं इस मामले में मंदिर प्रशासन का कहना है कि गर्भगृह में भस्म आरती के दौरान पुरुषों को धोती और महिलाओं को साड़ी पहनना जरूरी है। बता दें क‍ि उज्जैन के महाकाल मंदिर में ही नहीं देश के इन मंद‍िरों में भी ड्रेस कोड लागू है…

काशी विश्वनाथ मंदिर

वाराणसी में काशी व‍िश्‍वनाथ मंद‍िर भगवान शिव के बारह ज्योतिर्लिंगों में से एक है। यहां पर देशी के साथ विदेशी पर्यटक भारी संख्‍या में आते हैं। यहां पुरुष मंद‍िर में चमड़े से बनी हुई वस्तुओं के साथ प्रवेश नहीं कर सकते हैं। वहीं मह‍िलाओं को कपड़े पहनना अनिवार्य है। ज‍िससे उनका पूरी शरीर ढका हो।

घृष्णेश्वर महादेव मंदिर

यह भी भगवान शिव के बारह ज्योतिर्लिंग में से एक है और महाराष्ट्र का घृष्णेश्वर महादेव मंद‍िर भी प्रस‍िद्ध है। मंदिर में प्रवेश करने से पहले पुरुष चमड़े से बनी सभी वस्तुएं जैसे बेल्ट, जैकेट व पर्स आदि को बाहर ही रखना पड़ता है। शरीर के ऊपरी ह‍िस्‍से में कपड़े नहीं रखने होते हैं।

गुरुवायूर कृष्ण मंदिर

केरल का गुरुवायूर भी इन मंद‍िरों में एक है। यह मंदिर भगवान कृष्ण के मुख्य मंदिरों में से एक है। इस मंदिर में प्रवेश करने के लिए सभी पुरुषों को मुंडू (लुंगी) पहनना अनिवार्य है। वहीं महिलाओं के लिए साड़ी या सलवार सूट पहनना जरुरी है।

पद्मनाभ स्वामी मंदिर

केरल में स्‍थ‍ित दुन‍िया के सबसे धनी हिदू मंदिर पद्मनाभ स्वामी मंदिर में भी पुरुष व महिला श्रद्धालुओं को मुंडु यानी क‍ि धोती पहनना अन‍िवार्य है। यहां सलवार कमीज या चूड़ीदार पहन या जींस आद‍ि पहनकर मंद‍िर में प्रवेश वर्जि‍त माना जाता है।

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