साल 2015 के बाद से तो टीम इंडिया केशूरवीर घरेलू मैदान पर एक भी सीरीज नहीं हारे। टीम इंडिया ने पिछले 25 महीनो में 16 सीरीज जीती हैं। लेकिन साल 2017 में एक ऐसा कारनामा भी हुआ कि पूरा देश उसके आगे नतमस्तक हो गया। जी हां और ये कारनामा पुरूषों की टीम इंडिया ने नहीं बल्कि महिला टीम इंडिया ने कर दिखाया।
दूसरी बार फाइनल में महिला टीम इंडिया
भारतीय महिला क्रिकेट टीम ने साल 2005 के बाद दूसरी बार महिला क्रिकेट विश्वकप के फाइनल तक का सफर तय किया और क्रिकेट जगत के साथ-साथ क्रिकेट के करोड़ों फॉलोअर्स को भी ये बता दिया महिला टीम इंडिया अब किसी से भी कम नहीं है।
टीवी पर नहीं होता:-
- आमतौर पर महिला क्रिकेट के मैचों का प्रसारण टीवी पर नहीं किया जाता।
लेकिन इस बार महिला क्रिकेट विश्वकप का प्रसारण किया गया और इतना ही नहीं इसे रिकॉर्ड दर्शकों ने देखा भी।
गुमनामी के साथ:-
- गुमनामी के साथ कप्तान मिताली राज की अगुवाई में इंग्लैंड पहुंची इस टीम के फाइनल तक पहुंचने की किसी को भी उम्मीद नहीं थी।
- लेकिन 24 जून को मेजबान इंग्लैंड के खिलाफ डर्बी में अपने विश्वकप सफर का विजयी आगाज करते हुए टीम ने अपनी धमक सुना दी।
पाकिस्तान को हराया:-
- इंग्लैंड को हराने के बाद इस टीम ने टूर्नामेंट में न्यूजीलैंड, वेस्डइंडीज, ऑस्ट्रेलिया, पाकिस्तान और श्रीलंका जैसे टीमों को पछाड़ते हुए फाइनल का सफर तय किया।
- इसमें सबसे खास रही पाकिस्तान के खिलाफ जीत। महिला टीम की इस जीत को पुरूष टीम के बदले के रूप में भी देखा गया।
- जहां इसी साल चैम्पियंस ट्रॉफी फाइनल में पाकिस्तान ने भारत को धूल चटाई थी।
- वहीं इंग्लैंड में भारतीय महिला टीम ने पाकिस्तान को हराकर उस हार का बदला चुकता कर लिया।
- हालांकि एक सपना हकीकत बनने से महज 9 रनों से चूक गया। जब विश्वकप के फाइनल मुकाबले में टीम को महज 9 रन से शिकस्त का सामना करना पड़ा।
- लेकिन फाइनल में हार के बावजूद भारतीय लड़कियों ने विदेश में जाकर जैसा धुंआधार प्रदर्शन किया। वो अपने आप में एक विजय अभियान माना गया।
महिला जगत की सचिन
कप्तान मिताली राज महिला क्रिकेट की सचिन तेंदुलकर मानी जाने वाली भारतीय महिला टीम की कप्तान को शायद ही कोई क्रिकेट प्रेमी ना पहचानता हो।
- वो इस साल विश्वकप में दूसरी 409 रनों के साथ दूसरे सबसे अधिक रन बनाने वाली बल्लेबाज रही।
- उन्होंने इस साल विश्वकप में 3 अर्धशतक और 1 शतक भी जमाया। पूरे टूर्नामेंट में हर मौके पर उन्होंने टीम के लिए अहम पारियां खेलीं।
पूनम राउत:- - इस विश्वकप में टीम इंडिया की सफल खिलाड़ियों में से एक कही जाएं तो गलत नहीं होगा।
- पूनम इस टूर्नामेंट में 2 अर्धशतकों के साथ 1 शतक भी लगाया। उन्होंने कुल 381 रन बनाए।
- इसके अलावा गेंदबाजी में भी उन्होंने 11 अहम विकेट अपने नाम किए।
हरमनप्रीत कौर:- - विश्वकप में 20 जुलाई के दिन हरमनप्रीत कौर नाम की एक सूनामी में ऑस्ट्रेलियाई किले को ढहा दिया।
- जी हां, हरमनप्रीत ने ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ विश्वकप सेमीफाइनल में 171 रनों की नाबाद पारी खेलकर सबको चैंका दिया।
- इस टूर्नामेंट में खेले 9 मुकाबलो में हरमनप्रीत ने 359 रन बनाए।
दीप्ति शर्मा:- - जिस खिलाड़ी ने बैक-स्टेज रहते हुए भी टीम इंडिया की जीत की नींव रखी वो कोई और नहीं बल्कि दीप्ति शर्मा रही।
- उन्होंने इस विश्वकप में 2 अर्धशतकों के साथ 31 के लाजवाब औसत से 216 रन बनाए।