हिन्दुत्व विचारक वीर दामोदर सावरकर के पोते ने कांग्रेस नेता राहुल गांधी की टिप्पणियों को लेकर उनके खिलाफ कार्रवाई करने की मांग की. उन्हें सावरकर द्वारा ब्रिटिश शासन से माफी मांगे जाने संबंधी दस्तावेजी साक्ष्य प्रस्तुत करने की चुनौती दी.
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राहुल गांधी ने संसद की सदस्यता से अयोग्य ठहराये जाने के बाद शनिवार को पहली बार प्रेस कॉन्फ्रेंस किया था, जिसमें उन्होंने लंदन में दिये अपने बयान पर माफी मांगने की मांग पर कहा था, मेरा नाम सावरकर नहीं है, मेरा नाम गांधी है और गांधी किसी से माफी नहीं मांगता है.
कांग्रेस और कई अन्य विपक्षी दलों के सांसदों ने राहुल गांधी को लोकसभा की सदस्यता के अयोग्य ठहराये के खिलाफ और अदाणी समूह से जुड़े मामले में संयुक्त संसदीय समिति (जेपीसी) गठित करने की मांग को लेकर प्रदर्शन किया. कांग्रेस और कुछ अन्य सहयोगी दलों के सांसदों ने राहुल गांधी के खिलाफ हुई कार्रवाई के विरोध में काले कपड़े पहन रखे थे.
विपक्षी नेताओं ने पहले संसद परिसर में धरना दिया और फिर विजय चौक तक मार्च निकाला. संसद भवन परिसर में महात्मा गांधी की प्रतिमा के समक्ष दिए गए इस धरने में कांग्रेस संसदीय दल की प्रमुख सोनिया गांधी, पार्टी अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे, कांग्रेस के कई सांसद, द्रविड़ मुनेत्र कषगम (द्रमुक) के टी आर बालू, रिवोल्यूशनरी सोशलिस्ट पार्टी (आरएसपी) के एनके प्रेमचंद्रन और कुछ अन्य नेता शामिल हुए.
लोकसभा की सदस्यता से राहुल गांधी को अयोग्य ठहराए जाने के खिलाफ और अदाणी समूह से जुड़े मामले को लेकर आज और बुधवार को देश के 35 शहरों में प्रेस कॉन्फ्रेंस आयोजन करेगी.
ऐसी टिप्पणियों को बचकानी बताते हुए सावरकर के पोते रंजीत सावरकर ने कहा, राहुल गांधी कह रहे हैं कि वह माफी नहीं मांगेंगे क्योंकि वह सावरकर नहीं हैं. मैं उन्हें चुनौती देता हूं कि वह सावरकर के माफी मांगने का कोई दस्तावेजी साक्ष्य दिखाएं. सावरकर ने कहा, देशभक्तों के नाम का उपयोग राजनीति चमकाने के लिए करना गलत है. कार्रवाई होनी चाहिए.