संकटग्रस्त यस बैंक की मदद के लिए स्टेट बैंक ऑफ इंडिया आगे आया है। स्टेट बैंक के चेयरमैन रजनीश कुमार ने शनिवार को प्रेस कांफ्रेंस कर कहा कि यस बैंक को संकट से निकालने के लिए 20 हजार करोड़ रुपये की जरूरत है। स्टेट बैंक फिलहाल इसमें 2450 करोड़ रुपये निवेश करेगा। इसके साथ ही 49 प्रतिशत शेयर भी खरीद सकता है। एसबीआई चेयरमैन रजनीश कुमार ने कहा कि यस बैंक की री-स्ट्रक्चरिंग का ड्राफ्ट प्लान तैयार है और वह पब्लिक डोमेन में है। हमारी निवेश और लीगल टीम उस पर काम कर रही है। आरबीआई को सोमवार को वह रिपोर्ट सौंपी जाएगी। कई निवेशकों ने निवेश की इच्छा जताई है। स्कीम को देखकर उन्होंने हमसे संपर्क किया है। यदि कोई भी 5 प्रतिशत से ऊपर का निवेश करना चाहता है तो उसे रिजर्व बैंक के मानकों का अनुपालन करना होगा।
बता दें कि भारतीय रिजर्व बैंक ने संकट में फंसे निजी क्षेत्र के यस बैंक पर गुरुवार को सख्ती बढ़ाते हुए बैंक के निदेशक मंडल को तत्काल प्रभाव से भंग कर दिया था। साथ ही बैंक के ग्राहकों के लिए धन निकासी की सीमा 50 हजार रुपये तय कर दी गई थी। ग्राहक एक माह में इससे अधिक राशि नहीं निकाल सकेंगे। रिजर्व बैंक ने एसबीआई के पूर्व मुख्य वित्त अधिकारी प्रशांत कुमार को यस बैंक का नया प्रशासक नियुक्त किया था।
इससे पहले वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने शुक्रवार को यस बैंक संकट पर कहा था कि बैंक द्वारा कई बड़ी कंपनियों को 2014 से काफी पहले कर्ज दिया गया था। यह सब पहले से ही सार्वजनिक है। उन्होंने कहा था कि मैं इसमें ग्राहक गोपनीयता का उल्लंघन नहीं कर रही हूं। इनमें अनिल अंबानी समूह, एस्सेल, डीएचएफएल, आईएलएफएस, वोडाफोन उन संकटग्रस्त कंपनियों में शामिल हैं, जिन्हें यस बैंक ने कर्ज दिया था। उन्होंने कहा कि वह इन नामों का खुलासा इसलिए कर रही हूं, क्योंकि विपक्षी दल उंगली उठा रहे हैं। सीतारमण ने इसके साथ ही यह भी कहा कि यह सब सार्वजनिक है और वह ग्राहकों की निजता का उल्लंघन नहीं कर रही हैं।
निजी क्षेत्र का यस बैंक काफी समय से बढ़ते डूबे कर्ज की समस्या जूझ रहा था। बैंकिग नियमों के अनुपालन के लिए बैंक को दो अरब डॉलर की जरूरत है लेकिन पिछले दो साल में कई निवेशकों से बातचीत के बावजूद वह राशि जुटाने में असफल रहा है।
6 महीने पहले रिजर्व बैंक ने बड़ा घोटाला सामने आने के बाद पीएमसी बैंक के मामले में भी इसी तरह का कदम उठाया था।