प्रवर्तन निदेशालय (ED)ने शुक्रवार को येस बैंक (Yes bank) के संस्थापक राणा कपूर के मुंबई स्थित आवास पर छापा मारा. गौरतलब है कि कपूर के खिलाफ मनी लॉन्ड्रिंग के मामले की जांच चल रही है। ईडी की टीम ने कपूर से उनके आवास पर पूछताछ भी की। आरबीआई बैंक की रीस्ट्रक्चरिंग पर काम कर रहा है। वहीं, अब प्रवर्तन निदेशालय ने भी बैंक के संस्थापक और इस संकट के सामने आने से पहले बोर्ड एग्जिट कर चुके बैंक के पूर्व सीईओ राणा कपूर के खिलाफ मनी लॉन्ड्रिंग का मामला दर्ज कर लिया है। ईडी ने राणा कपूर के घर सहित कई ठिकानों पर शुक्रवार के दिन छापेमारी की। जांच एजेंसी ने राणा के खिलाफ लुकआउट नोटिस भी जारी कर दिया है।
अधिकारियों का कहना है कि इस छापे की कार्रवाई का मकसद और साक्ष्यों को जुटाना है। केंद्रीय एजेंसी एक कारपोरेट कंपनी को बैंक द्वारा लोन देने और इसके बदले में पत्नी के बैंक खातों में रिश्वत लेने के संबंध में राणा की भूमिका की जांच कर रही है।
कपूर के खिलाफ दर्ज मामले का संबंध डीएचएफएल जांच से भी जुड़ा है। बैंक से डीएचएफएल द्वारा लिया गया लोन एनपीए करार दिया गया था। इसके अलावा कुछ अन्य अनियमितताएं भी एजेंसी की जांच के दायरे में है।
रिजर्व बैंक (आरबीआई) गवर्नर शक्तिकांत दास यस बैंक से पैसे की निकासी पर मौद्रिक सीमा लगाए जाने के फैसले का बचाव करते हुए कहा कि संकट में फंसे बैंक की समस्याओं का हल जल्द से जल्द निकाल लिया जाएगा। दास ने कहा कि 30 की सीमा अधिकतम है और इसका समाधान जल्द से जल्द निकाल लिया जाएगा।
संवाददाताओं से बातचीत में उन्होंने कहा कि यस बैंक पर फैसला किसी एक इकाई के लिए नहीं बल्कि व्यापक हालात को ध्यान में रखते हुए लिया गया गया है। इसका उद्देश्य भारत के वित्तीय और बैंकिंग सेक्टर में स्थायित्व को बनाए रखना भी है। उन्होंने कहा, मैं आपको भरोसा दिलाता हूं कि बैंकिंग सेक्टर आगे मजबूत और सुरक्षित बना रहेगा।
यस बैंक पर कार्रवाई के वक्त पर दास ने कहा कि आरबीआई के अपरिपक्व फैसलों और इसमें लंबा वक्त लेने पर हमेशा ही बहस होती रही है। किसी भी समस्या के बाजार और बैंक आधारित समस्या को हमेशा ही प्राथमिकता दी जाती रही है। उन्होंने कहा, ‘आपको कदम उठाने और प्रयास करने के लिए बैंक प्रबंधन को समय देना होता है। बैंक ने प्रयास किए।
जब हमने देखा कि हम इंतजार नहीं कर सकते हैं, तो हमने दखल देने का फैसला किया। मुझे लगता है कि दखल देने का यह सही समय था। मैं आपको भरोसा दिला सकता हूं कि आरबीआई जल्द ही एक योजना लेकर सामने आएगा। प्रशांत कुमार ने शुक्रवार को यस बैंक के प्रशासक का पदभार ग्रहण कर लिया। रिजर्व बैंक ने यस बैंक पर रोक लगाने और उसके निदेशक मंडल को भंग करने के बाद कुमार को इस पद पर नियुक्त किया है।
आरबीआई द्वारा यस बैंक पर लगाई पाबंदियों ने पुरी स्थित भगवान जगन्नाथ मंदिर के श्रद्धालुओं और पुजारियों की चिंता बढ़ा दी है। दरअसल, इस बैंक में जगन्नाथ मंदिर के 545 करोड़ रुपये की एफडी है। मंदिर के वरिष्ठ सेवक बिनायक दशमोहापात्रा ने कहा, धन निकासी पर पाबंदी से हम भी चिंतित हैं। उन्होंने यस बैंक में मंदिर की इतनी बड़ी रकम जमा करने के जिम्मेदार लोगों के खिलाफ जांच और कार्रवाई की भी मांग की। उन्होंने कहा, भगवान के पैसे निजी बैंक में जमा करना अवैध और अनैतिक भी है। इस संबंध में पुरी के एक थाने में शिकायत भी दर्ज कराई गई है।