सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को एकीकृत भुगतान इंटरफेस, यूपीआई प्लेटफार्मों पर एकत्र किए गए डेटा को उनकी मूल कंपनी या किसी अन्य तीसरे पक्ष के साथ साझा नहीं करने के निर्देश देने की मांग करने वाली याचिका पर प्रौद्योगिकी कंपनियों गूगल, फेसबुक, व्हाट्सएप और अमेजन से प्रतिक्रियाएं मांगी।
मुख्य न्यायाधीश एसए बोबड़े और न्यायमूर्ति एएस बोबड़े और न्यायमूर्ति एएस रामासुब्रमण्यन की पीठ ने राज्यसभा सांसद बिनय विश्वाम की दायर याचिका पर सुनवाई करते हुए कहा कि अगर व्हाट्सएप अपना जवाब दाखिल नहीं करता है तो रिट याचिका में की गई अविवेकी को स्वीकार कर लिया जाएगा। पिछले साल अक्टूबर में कोर्ट ने कंपनियों और केंद्र को नोटिस जारी किया था। पीटीआई की खबर के मुताबिक इसके बाद SC ने चारों कंपनियों यानी गूगल, फेसबुक, वॉट्सऐप, अमेजन को औपचारिक नोटिस जारी करते हुए कहा कि अगर वे जवाब देने में नाकाम रहते हैं तो याचिका में लगाए गए आरोप को स्वीकार कर लिया जाएगा।
कपिल सिब्बल ने व्हाट्सएप के लिए भी पेश होते हुए कहा, ‘व्हाट्सएप पे’ को सभी आवश्यक अनुमति मिल गई है। पिछले साल दिसंबर में आरबीआई के हलफनामे में यह कहा गया था कि शीर्ष अदालत ने कहा था कि उसकी कोई जिम्मेदारी नहीं है कि वह ‘ यूपीआई इकोसिस्टम के सदस्यों का ऑडिट ‘ कराए और यह सुनिश्चित करने की जिम्मेदारी दे कि गूगल और व्हाट्सएप जैसी निजी फर्में मानदंडों का पालन करें भारतीय राष्ट्रीय भुगतान निगम के पास हैं।
विश्वाम ने अपनी याचिका में कहा था कि आरबीआई और एनपीसीआई को यह सुनिश्चित करना चाहिए कि भुगतान को सुगम बनाने के उद्देश्य से इन कंपनियों द्वारा एकत्र किए गए आंकड़ों को उनकी मूल कंपनियों या किसी अन्य तीसरे पक्ष के साथ साझा न किया जाए। इसने यह भी मांग की है कि अपेक्षित नियामक अनुपालन के संबंध में अदालत की संतुष्टि के लिए सभी कानूनी अनुपालनों को पूरा किए बिना भारत में व्हाट्सएप पे स्वीकार नहीं किया जाएगा।