ज्योतिरादित्य सिंधिया के लिए आरएसएस कोई नया नहीं है। इसके संस्कारों से वह वह परिचित रहे है। उनकी दादी राजमाता विजय राजे सिंधिया जनसंघ व भाजपा की शीर्ष नेताओं में शामिल रही है। उनकी स्मृतियों में संघ भी रहा है,जिसे ज्योतिरादित्य बचपन से सुनते रहे है।
कांग्रेस में रहते हुए भी ज्योतिरादित्य मर्यादा के अनुरूप ही आचरण करते रहे है। आज वह नागपुर संघ मुख्यालय पहुंचे तो बचपन में सुनी अनेक बातें प्रत्यक्ष दिखाई दी होंगी। यहां उनके बयान इसी भावना के अनुरूप थे। यहां उन्होंने राष्ट्रीय़ स्वयंसेवक सरसंघचालक डॉ. मोहन भागवत तथा सरकार्यवाह सुरेश उपाख्य भैय्याजी जोशी से मुलाकात की।
संघ मुख्यालय से वह शुक्रवारी स्थित राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के संस्थापक डॉ.केशव बलिराम हेडगेवार के पैतृक निवास पर गए। सिंधिया ने कहा कि डॉ. हेडगेवार राष्ट्रपुरुष थे, उनके निवास स्थान पर आने वाले हर राष्ट्रवादी नागरिक को देशभक्ति की प्रेरणा मिलती है।सिंधिया ने रेशमबाग में स्थित डॉ.हेडगेवार और द्वितीय सरसंघचालक गोलवलकर गुरूजी की समाधि स्थल का दर्शन किया तथा श्रद्धांजलि अर्पित की।