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132 कैमरे खंगाले, 236 घंटे की फुटेज देखी, फिर पुलिस ने किया बदमाशों का एनकाउंटर; छुड़ा लिया अपहृत व्यापारी

हरदोई में मंगलवार को अपहृत हुए व्यापारी को एसटीएफ और हरदोई पुलिस ने संयुक्त कार्रवाई करते हुए मुठभेड़ के बाद शुक्रवार को सकुशल छुड़ा लिया। अपहरण करने वाले गिरोह का मुखिया मुठभेड़ में पैर में गोली लगने से घायल हो गया। दो पुलिस कर्मी भी घायल हुए हैं। आरोपी के तीन साथी कार समेत भागने में कामयाब रहे ,पाली थाना क्षेत्र से कपड़ा व्यापारी का अपहरण कर शातिरों ने पुलिस को खुली चुनौती दी, लेकिन पुलिस ने आधुनिक तकनीकों का भरपूर उपयोग किया और अपराधियों तक पहुंच गई। सर्विलांस से इतर पुलिस ने शातिरों के भागने के संभावित रास्तों के 132 कैमरे चिह्नित किए। इन कैमरों की 236 घंटे की फुटेज देखी और इसी आधार पर घटना को अंजाम देने वालों को पकड़ने के लिए मुखबिरों को सक्रिय किया।

पुलिस को अपहरण की घटना का पहला सुराग हरिदासपुर बारी मार्ग पर पड़ने वाले गुजीदेई गांव से मिला। यहां सड़क किनारे स्थित एक मकान के बाहर सीसीटीवी कैमरे लगे थे। पुलिस ने इसके फुटेज खंगाले तो ग्रे कलर की कार नजर आई। इसके बाद से ही मुखबिर सक्रिय कर दिए गए।

अपर पुलिस अधीक्षक पूर्वी नृपेंद्र और सीओ हरपालपुर विनोद दुबे ने पाली थाने में ही घटना के बाद से डेरा डाल दिया। भागने के संभावित रास्तों पर अलग-अलग स्थानों पर लगे 132 कैमरों की 236 घंटे की फुटेज देखी गई। यहीं से पुलिस को अहम सुराग मिलने लगे। इसी बीच फिरौती के लिए फोन पहुंचना शुरू हुआ तो सर्विलांस टीम ने काम करना शुरू कर दिया। आईजी तरुण गाबा की टीम में शामिल दीवान सुदीप कटियार ने आधुनिक तकनीक का इस्तेमाल कर पुलिस को महत्वपूर्ण सुराग दिए, जिससे राह आसान हो गई।

पुलिस को पता चला कि रामजी मिश्रा को कार से लेकर अपह्रर्ता लोनार से पाली की तरफ लेकर जा रहे हैं। इसी मार्ग पर कनिकापुर लाल मोड़ के पास पुलिस और अपहरकर्ताओं में मुठभेड़ हो गई। रामजी को सकुशल निकालने के बाद पुलिस ने बदमाशों से मोर्चा लिया। इस दौरान पैर में गोली लगने से बाराबंकी जनपद के जैदपुर थानाक्षेत्र के याकूदगंज निवासी विशाल वर्मा घायल हो गया। जबकि उसके साथी भाग निकले।

रामजी के मोबाइल में छीना गया सिम डाल सलहज से मांगी थी फिरौती
रामजी मिश्रा का अपहरण करने वाले व्यापारी बेहद शातिर थे। रामजी का अपहरण करने के बाद रास्ते में एक खेत में शराब पी रहे शख्स का मोबाइल भी आरोपियों ने छीन लिया था। आरोपियों ने सिम निकालकर मोबाइल उसी को वापस कर दिया। चोरी किए गए सिम को रामजी के मोबाइल में डाल दिया। इसमें रामजी की सलहज का नंबर सबसे ऊपर फीड था। शातिरों ने उसे ही फोन कर फिरौती मांगनी शुरू की। 20 लाख रुपये मांगे गए। रामजी के मुताबिक, उसने कहा कि इस नंबर पर फोन करने से रुपये नहीं मिलेंगे। यह भी कहा कि एक लाख रुपये तक मिल सकते हैं, बाकी कोई नहीं दे पाएगा। खास बात यह भी रही कि अपहरण के लगभग 28 घंटे बाद फिरौती मांगी गई।

एक तीर से साधने थे दो निशाने, रंजिश भी निकलती और रुपये भी
रामजी मिश्रा का गांव में ही पड़ोस में रहने वाले रविकांत मिश्रा से पुराना विवाद चल रहा है। इस विवाद में वर्ष 2002 में गांव में एक हत्या भी हो चुकी है। इस मामले में रामजी के पिता कमल किशोर मिश्रा को भी अन्य लोगों के साथ नामजद कर दिया गया था, हालांकि बाद में उनकी नामजदगी गलत निकली। बावजूद इसके रविकांत का विवाद बना हुआ था।
रविकांत लखनऊ में विशाल वर्मा के साथ सिक्योरिटी गार्ड और एक पिज्जा बनाने वाली कंपनी में काम कर चुका था। इस दौरान दोनों एक ही कमरे में रहते थे। रविकांत ने ही विशाल को रंजिश के बारे में बताया था। इसके बाद योजना बनाकर रामजी के अपहरण की साजिश रची गई। मंगलवार की शाम को भी रामजी मिश्रा के दुकान बंद कर घर के लिए जाने की जानकारी विशाल को रविकांत ने ही दी थी। इसके बाद ही रामजी का अपहरण हो गया था।

नमकीन खिलाई और कहा घूंट भर पानी देकर दो दिन जिंदा रखते हैं
व्यापारी राम जी मिश्रा ने बताया कि उसके हाथ और पैर बांध दिए गए थे। अपहरण करने वाले नकाबपोश थे। कभी गन्ने के खेत में तो कभी ट्राली में रखा। इस दौरान उसे नमकीन खिलाई और यह भी पूछा कि शराब पीते हो, तो न में जवाब मिलने पर शांत हो गए। बाद में कहा कि तुम्हें नमकीन खिला रहे हैं, बाकियों को दो घूंट पानी में दो दिन तक जिंदा रखते हैं। रामजी से यह भी कहा कि 10 लाख रुपये में तुम्हारी सुपारी ली है। राम जी ने पुलिस का धन्यवाद करते हुए कहा कि पुलिस की बदौलत ही वह जिंदा बच सके।

व्यापारी का अपहरण कर हत्या कर चुका है विशाल
अपर पुलिस अधीक्षक नृपेंद्र ने बताया कि विशाल शातिर अपराधी है। उसके खिलाफ लखनऊ जनपद के पीजीआई थाने में हत्या का मामला दर्ज है। बाराबंकी जनपद के सतरिखा थाने में चार मामले दर्ज हैं। बाराबंकी के ही राम सनेही घाट थाने में भी लूट का मामला दर्ज है। नृपेंद्र के मुताबिक, विशाल वर्मा ने 30 जनवरी 2021 की रात लखनऊ में नेक्सजेन फूड फैक्ट्री के मालिक अविनाश सिंह का फैक्ट्री से घर जाते समय अपहरण कर लिया था और फिर हत्या कर दी थी। हत्या को आत्महत्या का रूप देने के लिए पेड़ की डाल से फंदा डालकर लटका दिया था। इसका खुलासा एसटीएफ लखनऊ ने आठ फरवरी 2021 को किया था। यह हत्या विशाल ने सुपारी लेकर की थी।

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