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शिक्षा के नए तरीकों से समाज को लाभान्वित करने और शिक्षकों की क्षमता निर्माण पर विशेषज्ञों ने दिए मंत्र

• लखनऊ विश्वविद्यालय में शिक्षा, मनोविज्ञान और शारीरिक शिक्षा में ऑनलाइन पुनश्चर्या पाठ्यक्रम आयोजित

लखनऊ। उच्च शिक्षण संस्थानों के शिक्षकों की क्षमता और बेहतर करने के लिए लखनऊ विश्वविद्यालय में शिक्षा, मनोविज्ञान और शारीरिक शिक्षा पर दो सप्ताह का एक पुनश्चर्या कार्यक्रम आयोजित किया गया। राष्ट्रीय शिक्षा नीति के आलोक में आयोजित इस पाठ्यक्रम में उत्तर प्रदेश समेत कई राज्यों के शिक्षकों ने आनलाइन भागीदारी की।

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पुनश्चर्या कार्यक्रम का आयोजन लखनऊ विश्वविद्यालय के यूजीसी-मालवीय मिशन टीचर ट्रेनिंग सेण्टर ने किया था। रिफ्रेशर कोर्स में राष्ट्रीय शिक्षा नीति-2020 के प्रावधानों को गहराई से समझाया गया और बताया गया कि किस तरह समाज के सभी वर्गों को शिक्षा से लाभान्वित किया जाए, शिक्षा और शिक्षक अपनी पूरी क्षमता का प्रयोग करते हुए कैसे समाज को लाभान्वित करें। रिफ्रेशर में शिक्षा के नए तरीकों के बारे में भी विशेषज्ञों ने बताया। कार्यक्रम के अंत में विश्वविद्यालय के कुलपति प्रोफेसर आलोक कुमार राय ने रिफ्रेशर कोर्स में भाग लेने वाले प्रतिभागियों को शुभकामानएं देते हुए आशा जताई कि वे यहां से प्राप्त ज्ञान को समाज के सभी वर्गों तक पहुंचाएंगे।

शिक्षा के नए तरीकों से समाज को लाभान्वित करने और शिक्षकों की क्षमता निर्माण पर विशेषज्ञों ने दिए मंत्र

लखनऊ विश्वविद्यालय के कुलपति प्रोफेसर आलोक कुमार के नेतृत्व में विश्वविद्यालय में शिक्षकों और छात्रों के स्किल डेवलपमेंट के लिए लगातार कार्यक्रम आयोजित हो रहे हैं। कुलपति के प्रयासों का ही नतीजा है कि विश्वविद्यालय निरंतर प्रगति कर रहा है। इसी क्रम में मालवीय मिशन टीचर ट्रेनिंग सेण्टर, लखनऊ विश्वविद्यालय ने 11 दिसंबर से 23 दिसंबर तक शिक्षा, मनोविज्ञान और शारीरिक शिक्षा में एक ऑनलाइन पुनश्चर्या पाठ्यक्रम का आयोजन किया।

यह एक ऑनलाइन पाठ्यक्रम था लेकिन व्याख्यान लाइव थे और प्रतिभागियों को इसमें पूर्णकालिक रूप से उपस्थित रहना था। पाठ्यक्रम का विषय “एनईपी-2020 के आलोक में उच्च शिक्षा शिक्षकों के बीच क्षमता निर्माण” था। यह दो सप्ताह का कोर्स था। इस पाठ्यक्रम में 51 उच्च शिक्षा संस्थानों के शिक्षकों ने भाग लिया। प्रतिभागी उच्च शिक्षा के विभिन्न संस्थानों से थे, जो कि उत्तर प्रदेश के अतिरिक्त गुजरात, महाराष्ट्र एवं अन्य राज्यों से थे।

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उच्च शिक्षा और एनईपी 2020 से संबंधित विभिन्न समसामयिक मुद्दों पर 33 विषय विशेषज्ञों ने 44 ऑनलाइन सत्रों में विचार-विमर्श किया। यह कार्यक्रम इस मायने में विशिष्ट था कि इसने भारत के 11 विभिन्न राज्यों और 20 विश्वविद्यालयों के रिसोर्स पर्सन्स को एक मंच पर जोड़ा। उद्घाटन सत्र में प्रोफेसर हरिकेश सिंह, पूर्व प्रमुख और डीन, शिक्षा संकाय, बनारस हिंदू विश्वविद्यालय, वाराणसी और जय प्रकाश विश्वविद्यालय, बिहार के पूर्व कुलपति ने “एनईपी-2020 की अपेक्षाओं के अनुसार भारत में उच्च शिक्षा में शिक्षकों के निरंतर व्यावसायिक विकास” विषय पर प्रतिभागियों को संबोधित किया।

उन्होंने कहा, शिक्षा की एकमात्र आत्मा शिक्षक हैं इसलिए उनका निरंतर व्यावसायिक विकास आवश्यक है। उन्होंने लखनऊ विश्वविद्यालय को नई ऊंचाइयां छूने के लिए कुलपति प्रो आलोक कुमार राय के प्रयासों की सराहना की। यूजीसी- मालवीय मिशन टीचर ट्रेनिंग सेण्टर निदेशक प्रो कमल कुमार ने बताया कि अब एचआरडीसी (मानव संसाधन विकास केंद्र) को मालवीय मिशन शिक्षक प्रशिक्षण केंद्र के रूप में जाना जाता है, जो शिक्षकों के व्यावसायिक विकास पर लगातार काम कर रहा है।

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समापन सत्र 23 दिसंबर 2023 को आयोजित किया गया था जिसमें प्रतिभागियों ने अपने ऑनलाइन अनुभवों पर चर्चा की। पुनश्चर्या पाठ्यक्रम का समन्वयन डॉ आकांक्षा सिंह, शिक्षा विभाग, लखनऊ विश्वविद्यालय द्वारा किया गया था। अन्य विषय जिन पर प्रख्यात वक्ताओं ने अपने विचार साझा किए। वे थे राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020, अनुसंधान पद्धति, अनुभवात्मक शिक्षा, पाठ्यक्रम, ई-मूल्यांकन पोर्टल और उच्च शिक्षा में ओईआर का उपयोग।

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