- सहकारिता भवन में हुआ उत्तर प्रदेश सचिवालय पेंशनर्स वेलफेयर एसोसिएशन के वार्षिक अधिवेशन।
- एसजीपीजीआई में निशुल्क चिकित्सा की सुविधा, पेंशनर्स को चिकित्सा अग्रिम, सचिवालय में रिटायरिंग रूप की व्यवस्था, सचिवालय प्रवेश पत्र की अविधि कम से कम तीन वर्ष किये जाने की मांग।
- 11 सूत्री मांग पत्र को मुख्य अतिथि को सौंपा, आर्थिक संकट से उबारने के लिए सरकार से की मांग।
लखनऊ। एसजीपीजीआई में निशुल्क चिकित्सा की सुविधा, पेंशनर्स को चिकित्सा अग्रिम की व्यवस्था समेत सचिवालय में रिटायरिंग रूप की व्यवस्था, सचिवालय प्रवेश पत्र की अविधि कम से कम तीन वर्ष किये जाने जैसी कई मांग सोमवार को उत्तर प्रदेश सचिवालय पेंशनर्स वेलफेयर एसोसिएशन के वार्षिक अधिवेशन में की गई। राजधानी के सहकारिता भवन सभागार पीके शर्मा की अध्यक्षता में सम्पन्न हुआ। कार्यक्रम के मुख्य अतिथि पूर्व मुख्य सचिव शम्भू नाथ रहे। विशिष्ठ अतिथियों में रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने स्थानीय प्रतिनिधि दिवाकर त्रिपाठी सहित शासन के कई अधिकारी इस अवसर पर मौजूद रहे।
कार्यक्रम के दौरान पेंशनर्स परिकल्प 2021 पुस्तक का विमोचन किया गया और पेंशनर्स छत्रम और पेंशनर्स गौरव का सम्मान श्याम सुंदर अग्निहोत्री, पीके शर्मा और एसके बाजपेई को दिया गया। अधिवेशन के दौरान संगठन के पदाधिकारियों ने इस बात पर नाराजगी जताई कि सिचवालय पेंशनर्स के चिकित्सा दावों की दिशा में अपेक्षित कार्रवाई समय से नहीं की गई और वर्तमान समय में भी चिकित्सा दावों की प्रतिपूर्ति नहीं की जा रही है। सरकार के ध्यान नहीं दिये जाने के कारण सचिवालय पेंशनर्स को घोर आर्थिक कठिनाई का सामना भी करना पड़ रहा है।
मुख्य मांग : सचिवालय पेंशनर्स रिटायरिंग रूप की व्यवसथा, सचिवालय प्रवेश पत्र की अवधि कम से कम तीन वर्ष की जाए और माह के प्रथम दिवस को अवकाश होने की स्थिति में विगत माह के अंतिम कार्य दिवस को पेंशन का भुगतान किया जाए। प्रत्येक वर्ष 17 दिसम्बर को पेंशनर्स दिवस का आयोजन, जीवित प्रमाण पत्र प्रस्तुत किये जाने के के लिए आने वाले पेंशनर्स के कोषागार में बैठने की व्यवस्था की जाए आदि 11 सूत्रीय मांगों का ज्ञापन मुख्य अतिथि को भेजा गया।