लखनऊ। उत्तर प्रदेश के चिकित्सा शिक्षा मंत्री सुरेश कुमार खन्ना के निर्देश पर प्रदेश सरकार की जीरो टालरेंस नीति के तहत विभाग के अन्तर्गत संचालित राजकीय मेडिकल कालेजों में विभिन्न विशिष्टताओं में सहायक आचार्य एवं प्रवक्ता के पदो पर कार्यरत 15 चिकित्सा शिक्षको की सेवायें समाप्त कर दी गयी है। यह सभी चिकित्सा शिक्षक लम्बी अवधि से अनधिकृत रूप से सेवा से अनुपस्थित चल रहे थे।
अपर मुख्य सचिव, चिकित्सा शिक्षा डॉ. रजनीश दुबे ने यह जानकारी देते हुए बताया कि ये 15 चिकित्सा शिक्षक राजकीय मेडिकल कालेज, आगरा, कन्नौज, गोरखपुर, कानपुर एवं जालौन तथा हृदय रोग संस्थान, कानपुर में कार्यरत थे और लम्बे समय से मेडिकल कालेज से गायब थे। उन्होंने बताया कि इन चिकित्सा शिक्षको की सेेवाएं समाप्त किये जाने से रिक्त हुए पदों पर नियुक्तियाॅ की जा सकेगी जिससे आमजन को और बेहतर चिकित्सकीय सुविधाएं मिल सकेगी।
अपर मुख्य सचिव ने बताया कि ऐसे कुल 31 चिकित्सा शिक्षको के विरूद्ध कार्यवाही शासन द्वारा प्रचलित है। इनमें से 15 चिकित्सा शिक्षको की सेवाएं समाप्त कर दी गयी है और अवशेष 16 चिकित्सा शिक्षको की सेवाएं समाप्त किये जाने की कार्यवाही अन्तिम चरण में है।