बिधूना क्षेत्र के गांव असजना निवासी मेडिकल छात्र शिव प्रताप सिंह अभी भी Poland में ही फंसा है, और वह बंकर में शरण लिए हुए हैं बताया कि एक बार प्रयास करके रेलवे स्टेशन गया था, लेकिन वहां पर Ukraine के लोगों के अलावा अन्य को ट्रेन पर नहीं चढ़ने दिया गया।
- Published by- @MrAnshulGaurav, Written by– Anupama Sengar, Monday, 28 Febraury, 2022
औरैया। बिधूना क्षेत्र के गांव असजना निवासी मेडिकल छात्र शिव प्रताप सिंह अभी भी Poland में ही फंसा है, और वह बंकर में शरण लिए हुए हैं बताया कि एक बार प्रयास करके रेलवे स्टेशन गया था, लेकिन वहां पर Ukraine के लोगों के अलावा अन्य को ट्रेन पर नहीं चढ़ने दिया गया, जिसके बाद वे लोग फिर से वापस बंकर में आ गए।
बंकर में वह अपने 400 साथियों के साथ बंकर में है, माहौल सही रहा तो मंगलवार को वह निकल सकते हैं। शिव प्रताप ने बताया कि यहां की स्थिति बहुत नाजुक है, बताया कि यदि हम अपने साथियों के साथ Poland में अपने State Medical University के हॉस्टल के बंकर में ही है। यहां पर अलग-अलग तीन बंकर में करीब 400 छात्र हैं। पिता से हुई शिव प्रताप की बातचीत से पता चला है कि यह बहुत बड़ा बंकर है और द्वितीय विश्व युद्ध में भी इसका इस्तेमाल हुआ था। शिव ने बताया है कि अगर सिचुएशन सही रही तो कल यहां से निकल सकते हैं। उसने बताया है कि यहाँ से निकलने के लिए 11 बसों का इंतजाम किया गया।
बाबा रघुवीर सिंह चौहान और पिता बृजपाल सिंह ने केंद्र सरकार से मांग की है कि उनके बच्चों को Ukraine से निकाल कर वापस लाएं। तहसीलदार जितेश वर्मा गांव पहुंचकर इस मुद्दे पर, परिजनों से बातचीत की। वहीं, उसके चाचा ने बताया कि 3:00 बजे उनके भतीजे से बात हुई थी। उसने बताया कि छात्रों के साथ रेलवे स्टेशन गए थे, जहां पर रेलवे से संबंधित कोई अधिकारी कर्मचारी नहीं मिल सका। जब ट्रेन आयी तो रेल के डिब्बे में केवल Ukraine के ही लोगों को बैठाया गया।
इसी दौरान वहां से 4 किलोमीटर की दूरी पर एक धमाका हुआ जिसके बाद हम सभी 8 किलोमीटर पैदल चलकर वापस आ गए और तब से अभी तक यहीं हैं। अब पास में पैसे भी खत्म हो रहे हैं। यहां पर ना तो एटीएम में पैसे हैं और ना मार्केट खुला है। आज की मार्केट से 2-3 दिन के लिए खाने का कुछ सामान खरीद लिया है। शिवप्रताप ने बताया कि एटीएम में पैसे ना होने के कारण अब उसके पास भी पैसे बचे भी नहीं हैं।