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जब आया पीपल वाला भूत तो झाकड़मल ने छोड़ी बेईमानी, स्टोरीमैन ने सुनायी कहानी

कार्यक्रम की शुरुआत दीप प्रज्ज्वलन एवं सरस्वती वन्दना से हुई। बच्चों को टेढ़े-मेढ़े वाक्य देकर उनका उच्चारण अभ्यास कराया गया। विद्यालय के प्रधानाचार्य राजेन्द्र सिंह ने लोक संस्कृति शोध संस्थान की लोक कथा टीम का स्वागत करते हुए कहा कि लोक कथायें बच्चों की कल्पनाशक्ति को बढ़ाने तथा उनके नैतिक व्यवहार को संस्कारित करने का काम करती हैं।

स्टोरीमैन जीतेश श्रीवास्तव ने कहानी की शुरुआत रामपुर गांव से होती है जहां कोरोना से संक्रमित अपने माता पिता के इलाज के लिए किशन को पैसों की जरुरत पड़ी। गांव के झाकड़मल नाम के साहूकार ने किशन का मकान गिरवी रख सादे कागज पर अंगूठा लगवाकर पचास हजार रुपये उधार दिये और किशन से चार माह में चुकाने का वादा लिया। बेईमान साहूकार ने मकान हड़पने की नियत से कागज में हेराफेरी की।

तीन माह में ही साहूकार ने कागज दिखाकर किशन पर एक लाख रुपये चुकाने का दबाव बनाया। किशन के घर के पीछे पीपल पर रहने वाले भूत ने नाटकीय घटनाक्रम के बाद झाकड़मल को सबक सिखाया। अन्त में झाकड़मल ने बेईमानी छोड़ ईमानदारी की राह पकड़ी। इस अवसर पर युवा समाजसेवी अनुराग साहू, अंतरराष्ट्रीय भोजपुरी न्यास के महासचिव निशाकान्त द्विवेदी, विद्यालय परिवार के सर्वश्री सचिन गुप्ता, मीरा सिंह, प्रतिष्ठा सिंह, मंजू मिश्रा, गया प्रसाद मिश्र, सुशील कुमार, सोमदेव शर्मा, सीमा श्रीवास्तव, अनिल सिंह, प्रीति आदि मौजूद रहे।

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