लखनऊ- राजधानी की बहुचर्चित साहू हत्याकांड का अनावरण करते हुये पुलिस ने हत्या आरोपी दो शूटरों को धर दबोचने का दावा किया है । हत्यारोपी दो शूटर पुलिस के हत्थे चढ़े जबकि तीन अन्य आरोपी फरार बताये जा रहे है।
गौरतलब हो बीती 1 फरवरी को सहादतगंज थाना क्षेत्र में 60 वर्षीय व्यापारी श्रवण साहू की गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। हत्याकांड को कुख्यात अपराधी अकील पुलिस की नजर में था और आशंका जताई जा रही थी की हत्या अकील के इशारे पर ही हुई है।
बताते चले की अकील द्वारा ही वर्ष 2013 में श्रवण साहू के बेटे आयुष की हत्या मामूली विवाद में ठाकुरगंज इलाके में कर दी गई थी। इसके बाद आरोपी अकील और उसके साथी को जेल भेजा गया। जेल से छूटने के बाद अकील ने इंसाफ की जंग लड़ रहे श्रवण साहू की हत्या की योजना भी बनाई। एसटीएफ और क्राइम ब्रांच को एसएसपी मंजिल सैनी ने खुलासे के लिए लगाया था। एसटीएफ और क्राइम ब्रांच की कड़ी मशक्कत से हत्यारोपित दोनों शूटरों क्रमशः सत्यम उर्फ़ उत्तम निवासी अंबेडकर नगर और अमन सिंह निवासी बस्ती को चार्ली बेकरी के पास रानीबाग दिल्ली से गिरफ्तार कर लिया गया। आरोपियों ने बताया कि शूटर सत्यम ने श्रवण पर गोली चलाई थी जबकि अमन बाइक पर पीछे बैठा हुआ था। यही नही घटना के षड्यंत्र में शामिल अजय पटेल निवासी आंबेडकर नगर को भी गिरफ्तार किया गया है।
खाकी के संरक्षण मे अखिल मे रचा था खेल
अकील ने श्रवण साहू के बेटे आयुष की हत्या कर दी थी। इसके बाद बुजुर्ग श्रवण साहू ने अपने बेटे को इंसाफ दिलाने की मुहिम छेड़ दी थी। जेल से छूटने के बाद अकील ने श्रवण साहू को डराने धमकाने और उसे षड्यंत्र के तहत फंसाने की नीयत से अपने ख़ास पुलिसकर्मियों दारोगा धीरेंद्र शुक्ला, कांस्टेबल धीरेंद्र यादव, कांस्टेबल अनिल सिंह से संपर्क किया और 9 जनवरी को कामरान, अनवर, तमीम और अफजाल को पारा पुलिस द्वारा उठाकर मोहान चौकी लाकर मारा पीटा गया और दबाव डालकर कहलवाया गया कि श्रवण ने अकील की हत्या की सुपारी दी है और उनकी रिकॉर्डिंग भी की गई। इस बात पर एसएसपी लखनऊ ने आरोपी पुलिस कर्मियों को निलंबित कर दिया था ।
रेकी के बाद की गयी थी शरण की हत्या
श्रवण की हत्या करने से पहले उसकी और उसके घर की पूरी रेकी कराई गई थी। श्रवण के घर की रेकी अकील के ड्राइवर ने की थी। लगभग दो माह पूर्व अकील ने अपने ड्राइवर रोहित उर्फ़ पंडित से श्रवण के घर की रेकी कराई। उल्लेखनीय है कि रोहित उर्फ़ पंडित अकील के साथ ही अलीगंज के एक मामले में जेल में था। 31 जनवरी को सत्यम और अमन समेत विवेक वर्मा पुनः विवेक की पल्सर से रेकी करने गए थे। 1 फरवरी को हत्या करने के बाद अमन और सत्यम वापस इंदिरानगर गए थे और अजय पटेल से कपड़े छिपाए थे। इसके बाद दोनों शूटर दिल्ली के लिए निकल गए थे और विवेक को कॉल कर उसकी गाड़ी स्टेशन से ले जाने की बात कहे थे ।
नहीं बरामद हुआ आलकत्ल
लखनऊ पुलिस ने बहुचर्चित हत्याकांड का खुलासा कर अपनी पीठ थपथपा रही है परंतु खुलासे मे बहुत से छेद नज़र आ रहे है । बताते चले अभी भी तीन आरोपी फरार बताए जा रहे है । वही पुलिस ने आरोपियों के पास से आलाकत्ल भी बरामद नहीं हुआ है । हालांकि पुलिस आगे पड़ताल की बात कर रही है ।