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बिधूना/औरैया। कस्बा बिधूना के गांधी नगर में चल रही श्रीमद भागवत कथा (Bhagwat Katha) का सुदामा चरित्र के साथ समापन हो गया। कथा का वाचन पं राजनारायण त्रिपाठी द्वारा किया गया। कथा में उन्होंने सुदामा चरित्र का वर्णन किया। कथा ने कहा कि मित्रता करो, तो भगवान श्रीकृष्ण और सुदामा जैसी करो। सच्चा मित्र वही है, जो अपने मित्र की परेशानी को समझे और बिना बताए ही मदद कर दे।
गांधी नगर के श्रृंगारिका मैरिज होम में चल रही सात दिवसीय श्रीमद्भागवत कथा के आज अंतिम दिवस परीक्षित हरिशचंद्र वर्मा व नीलम वर्मा के द्वारा व्यासपीठ का पूजन करने के साथ ही कथा प्रारम्भ हो गयी जिसमे सुदामा चरित्र के प्रसंग पर प्रकाश डालते हुए व्यास राजनारायण त्रिपाठी ने बताया गया कि जब स्वार्थ पूरा हो जाता है, तो मित्रता खत्म हो जाती है।
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उन्होंने कहा कि एक सुदामा अपनी पत्नी के कहने पर मित्र कृष्ण से मिलने द्वारकापुरी जाते हैं। जब वह महल के गेट पर पहुंच जाते हैं, तब प्रहरियों से कृष्ण को अपना मित्र बताते है और अंदर जाने की बात कहते हैं। सुदामा की यह बात सुनकर प्रहरी उपहास उड़ाते है और कहते है कि भगवान श्रीकृष्ण का मित्र एक दरिद्र व्यक्ति कैसे हो सकता है।
प्रहरियों की बात सुनकर सुदामा अपने मित्र से बिना मिले ही लौटने लगते हैं। तभी एक प्रहरी महल के अंदर जाकर भगवान श्रीकृष्ण को बताता है कि महल के द्वार पर एक सुदामा नाम का दरिद्र व्यक्ति खड़ा है और अपने आप को आपका मित्र बता रहा है। द्वारपाल की बात सुनकर भगवान कृष्ण नंगे पांव ही दौड़े चले आते हैं और अपने मित्र सुदामा को रोककर गले लगा लिया। कहने लगे कि तुम अपने मित्र से बिना मिले ही वापस जा रहे थे।
भगवान श्रीकृष्ण को सुदामा के गले लगा देखकर प्रहरी और नगरवासी अचंभित हो गए।
भगवान कृष्ण-सुदामा को अपने साथ रथ पर बैठाकर महल के अंदर लेकर पहुंचे और मित्र को सिंहासन पर बैठाकर खुद नीचे बैठ गए। भगवान श्रीकृष्ण को नीचे बैठा देखकर उनकी रानियां भी दंग रह गई, कि कौन है जिन्हें भगवान सिंहासन पर बैठाकर खुद नीचे बैठे हैं। भगवान कृष्ण ने आंसुओं से मित्र के पैर धोए और पैर से कांटे निकाले।
यह दृश्य देखकर महल में उपस्थित लोग भावुक हो गए। इसी प्रसंग के साथ कथा का समापन हो गया। इस दौरान पंडाल में प्रमोद शर्मा, प्रवल प्रताप सिंह(PTI), महेश चंद्र जितेंद्र तिवारी, विमल किशोर, मान सिंह, पंकज चौहान, विकास प्रताप सिंह, विशाल प्रताप सिंह, विवेक वर्मा, हिमांशु वर्मा, शैलेंद्र कुमार, रचना, प्रीति, कंचन, प्रज्ञा, शिवांगी, हर्षिता, सहित बड़ी संख्या में श्रोता मौजूद रहे।
रिपोर्ट – संदीप राठौर चुनमुन