उत्तर प्रदेश विधान सभा चुनाव के कुछ महीने ही बाकी हैं।इसी लिए विपक्ष को योगी सरकार के हर फैसले में खोट और सियासत नजर आने लगी है। हालात यह है कि आतंकवादियों की गिरफ्तारी का मामला हो या फिर अवैध रूप से धर्मांतरण में लिप्त मौलाना को पकड़ा जाना, विपक्ष अपनी सियासत चमकाने का कोई भी मौका नहीं छोड़ना चाहती है।
इसी लिए विपक्ष ने मौलाना कलीम सिद्दीकी जिसको आतंकवाद रोधी दस्ता (एटीएस) की एक टीम ने गिरफ्तार किया था,उसे भी सियासी मुद्दा बना दिया है।
वैसे तो मौलाना कलीम सिद्दीकी का इस्लामिक विद्वानों में बड़ा नाम है,लेकिन इसका यह मतलब नहीं हो सकता है कि उनके किसी कृत्य पर कोई सवाल ही नहीं खड़ा करे,उनके गैर-कानूनी कामों की जांच ही न हो।
मौलाना कलीम पर गंभीर आरोप लगे हैं। एडीजी लॉ एंड ऑर्डर प्रशांत कुमार ने खुलासा किया है कि मौलाना कलीम सिद्दीकी के खिलाफ अवैध रूप से धर्मांतरण में लिप्त होने के तथ्यों का पता चला है। आरोप है कि उन्हें धर्मांतरण के लिए विदेशों से फंडिंग की गई।
वहीं सहारनपुर से बीएसपी सांसद हाजी फजलुर्रहमान ने इस गिरफ्तारी को चुनावी हथकंडा बताया। उन्होंने कहा कि हज़रत मौलाना कलीम सिद्दीक़ी की गिरफ्तारी भाजपा का यूपी विधानसभा चुनाव जीतने का हथकंडा है। जनता की नाराज़गी से परेशान भाजपा लोगों में डर खौफ दहशत का माहौल पैदा करके, समाज को बांटकर चुनाव जीतना चाहती है। भाजपा अपने नफरत के अजेंडे को तत्काल रोककर मौलाना कलीम सिद्दीक़ी को रिहा करे।
दिल्ली के ओखला विधान सभा क्षेत्र से आम आदमी पार्टी के विधायक अमानतुल्ला खान ने मौलाना की गिरफ्तारी को ‘मुसलमानों पर अत्याचार’ बताया है। अमानतु्ला खान ने ट्वीट कर कहा कि मौलाना कलीम सिद्दीकी, एक प्रसिद्ध इस्लामी विद्वान को उत्तर प्रदेश में चुनाव से पहले गिरफ्तार किया गया है। मुसलमानों पर अत्याचार बढ़ते जा रहे हैं। इन मुद्दों पर धर्मनिरपेक्ष दलों की चुप्पी बीजेपी को और मजबूती दे रही है। उन्होंने आगे लिखा बीजेपी, चुनाव जीतने के लिए कितना गिरोगे।
यहां याद दिलाना जरूरी है के थोड़े सप्ताह पहले मौलाना उमर गौतम और एक और मुफ्ती को ऐसे ही आरोपों से सुरक्षा एजेंसी औे ने गिरफ़्तार किया था। मौलाना उमर गौतम का भी कलीम ने ही धर्मांतरण कराया था। कलीम सिद्दीकी का नाम उमर गौतम मामले की जांच के दौरान सामने आया था। यूपी एटीएस ने धर्मांतरण के आरोप में इस साल जून में दो मौलानाओं मोहम्मद उमर गौतम और मुफ्ती काजी जहांगीर कासमी को गिरफ्तार किया था। पुलिस का कहना था कि ये लोग कथित रूप से धर्मांतरण रैकेट चला रहे थे। उत्तर प्रदेश के एडीजी लॉ एंड ऑर्डर प्रशांत कुमार ने खुद इस बात की पुष्टि की थी कि गौतम धर्म बदलकर मुस्लिम बना था। मोहम्मद उमर गौतम मूल रूप से उत्तर प्रदेश के फतेहपुर जिले के रहने वाले हैं।