लखनऊ। ख्वाजा मुईनुद्दीन चिश्ती भाषा विश्वविद्यालय कुलपति प्रो एनबी सिंह की अध्यक्षता में भारतीय भाषा उत्सव मनाया गया। कार्यक्रम में मुख्य वक्ता प्रो सूरज बहादुर थापा ने कहा कि आज भाषा को लेकर जो सामाजिक दूरियां फैल रही हैं, वह भविष्य के लिए चिंता का विषय है क्योंकि भाषाएं हमें सांस्कृतिक रूप से एकता के धागे में बांधने का काम करती हैं।
उन्होंने बंगला, हिंदी, उर्दू आदि भाषाओं को एक दूसरे का पूरक बताते हुए उनके ऐतिहासिक महत्व पर प्रकाश डाला। प्रो फखरे आलम ने कहा कि जब तक हम सभी एक दूसरे की भाषा का सम्मान नहीं करेंगे तब तक हम सामाजिक एकता की स्थापना नहीं कर सकते। कार्यक्रम में प्रो मसूद आलम, प्रो तनवीर खदीजा, प्रो सौबान सईद, प्रो एहतेशाम अहमद, डॉ हारून रशीद, डा रामदास, डा रिंकी, डा आजम, डा हिमांशु गंगवार आदि शिक्षक एवं छात्र उपस्थित रहे।
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इसी श्रृंखला में आज भाषा संकाय के सभी शिक्षकों ने एक बैठक का आयोजन किया एवं भाषा के उत्थान से सम्बंधित विभिन्न मुद्दों पर चर्चा की।