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वैज्ञानिक दृष्टिकोण के लिए जिज्ञासु होना बहुत जरूरी- प्रो आलोक धवन

लखनऊ। बीएसएनवी पीजी कालेज (KKV) बीएसएनवी पीजी कालेज (KKV)के रसायन शास्त्र विभाग द्वारा, विद्यार्थियों के सर्वागीण विकास की अवधारणा को आधार मानकर, प्रत्येक विद्यार्थी अपनी शिक्षा के माध्यम से भारत राष्ट्र के संवर्द्धन के लिए कैसे सकारात्मक प्रयास करे जिससे भारत राष्ट्र अपनी विकासील यात्रा से विकसित देशों की श्रृंखला में प्रथम बने, और सम्पूर्ण विश्व मे मानवता की सुरक्षा का प्रहरी बन कर वसुधैव कुटुम्बकम के ध्येय वाक्य को चरितार्थ करे। जिसके लिए देश के प्रत्येक विद्यार्थी को अपनी शिक्षा से स्वयं को आत्मनिर्भर, कुशल एवं दक्ष बनाये इस संकल्पना के चरितार्थ के लिए रसायन शास्त्र विभाग अपने विद्यार्थियों को व्यख्यान मालाओं के माध्यम से सकारात्मक मार्गदर्शन के लिए अग्रणी है।

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इसी श्रृंखला के निमित्त द्वितीय व्याख्यान माला का आयोजन महाविद्यालय परिसर सोमवार को किया गया। इस व्याख्यान के मुख्यवक्ता विश्व के मुख्य 2℅ वैज्ञानिकों में शामिल भारत के प्रसिद्ध वैज्ञानिक भारतीय विष विज्ञान संस्थान लखनऊ के भूतपूर्व निदेशक एवं वर्तमान में सेंटर ऑफ बायो-मेडिकल संस्थान (CBMR) के निदेशक प्रोफेसर आलोक धवन द्वारा विज्ञान, प्रौद्योगिकी और नवाचार, एक आत्मनिर्भर भारत की नींव शीर्षक पर अपना वक्तव्य दिया।

व्याख्यान की शुरुआत ज्ञान, विज्ञान एवं अनुसंधान की स्वरूपा माँ सरस्वती जी के चरणों पर पुष्पांजलि एवं दीप प्रज्वलित कर किया, विभाग की सहायक आचार्य उन्नति सिंह ने विद्यार्थियों के साथ सरस्वती वंदना किया। महाविद्यालय के सेमिनार कक्ष में प्रोफेसर आलोक धवन का स्वागत विभाग के डॉ ललित प्रकाश गुप्ताडॉ ललित प्रकाश गुप्ता ने बैच लगाकर और डॉ विजय शंकर ने पौधा देकर किया। मंच पर मंचासीन मुख्य अतिथि कॉलेज के पूर्व प्रचार्य डॉ बीके द्विवेदी, महाविद्यालय के प्राचार्य प्रोफेसर रमेश धर द्विवेदी, रसायन शास्त्र विभाग के विभागाध्यक्ष प्रोफेसर डीके गुप्ता, और विभाग के वरिष्ठ शिक्षक प्रो एनके अवस्थी का स्वागत बैच और पौधा देकर, प्रो जीके मिश्रा, प्रो संजीव शुक्ला, प्रो एनके मिश्रा, डॉ राजेश राम, डॉ. अभिषेक उपाध्याय, सुभाष चन्द्र, अमृत गोंड, सुमित मौलेखी ने किया।

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अपने पावर पॉइंट प्रेजेंटेशन के दौरान मुख्य वक्ता ने डॉ एपीजी अब्दुल कलाम के संस्मरण को याद दिलाते हुए उन्होंने बताया कि वैज्ञानिक दृष्टिकोण के लिए जिज्ञासु होना बहुत जरूरी है। उन्होंने बताया कि भारत में CSIR के सभी 38 रिसर्च संस्थानों के साथ साथ अन्य वैज्ञानिक संस्थानों जैसे NCL- Pune, IISC- Banglore, ISRO, DRDO, CDRI आदि संस्थानों का परिचय विद्यार्थियों को कराया।

उन्होंने ने बताया कि प्रकृति ने हमारी ज्ञानेंद्रियों की बनावट प्रश्न चिन्ह (?) के आकार का बनाया है, जिसका मतलब है की आप हमेशा सवाल पूछने की जिज्ञासा रखे, जिससे आपके अंतर्मन में आये सवालों को सही परिणाम आपको प्राप्त हो सके। मुख्य वक्ता अपने द्वारा किये गए ढेरों प्रोजेक्ट का वर्णन किया उन्होंने अपने द्वारा किये गए विशेष कार्य जैसे CSIR Water Portfolio और ONEER प्रोजेक्टों का विषद वर्णन किया।

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उन्होंने सभी को बताया कि इन कार्यो के माध्य्म से सभी को शुद्ध पानी सिर्फ 1- पैसा प्रति लीटर पर उपलब्ध होगा जिससे देश के करोङो लोगो को लाभ प्राप्त होगा। भारत में नैनोटेक्नोलॉजी की शुरुआत INDO-US 2005 प्रोजेक्ट के अंतर्गत हुआ। आपने नैनो मटेरियल पर एक रिसर्च पेपर Toxiclogy Letter में प्रकाशित किया.  जिसके बाद United State ने अपनी पॉलिसी इस पेपर के आधार पर बनाया। भारत सरकार ने Best 10 रिसर्च पेपर (2009-2014) में आपके पेपर को स्थान दिया। आप ने Nanomaterial Toxicology में इतना काम किया की भारत का नाम Web Science के Top-5 में सम्मिलित हुआ। विद्यार्थियों को In Vitro/In Vivo/In Silico Approach, Flow Cytometry, Clinical/Pre Clinical Approach, NMR based Metabolomicsप्रोफेसर डॉ. देवेंद्र कुमारप्रोफेसर डॉ. देवेंद्र कुमार Approach के बारे में समझाया।

CSIR- IITR पर्यावरण को और SGPGI में CBMR संस्थान मरीजों को कैसे फायदा पहुँचा रहा है इस पर भी उन्होंने प्रकाश डाला। भारत में CBMR ही एकलौता संस्थान है जहाँ 800 & 600 MHz NMR की MRI मशीन है। यह लखनऊ शहर के वैज्ञानिकों का ही कठिन परिश्रम है की भारत का नाम Nature Index-2021 में आया। SGPGI में अभी ARDS (Acute Respiratory Distress Syndrom) के बारे में भी बताया की किस तरह CBMR मरीजों की मदद कर रहा है। बच्चों को उन्होंने Creativity, Innovation, Observation Motivation और पर्यावरण की EMI (Earnest in Observation, Motivation, Innovation) के बारे में भी बताया।

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कार्यक्रम का सफल मंच संचालन डॉ इंद्रेश शुक्ला ने किया। कार्यक्रम के सफल संचालन में डॉ चिन्की गंगवार, माधव, सुरेंद्र, डॉ चिन्की गंगवार, माधव, सुरेंद्र,सुशील का सहयोग रहा।

सेमिनार कक्ष में प्रो राजीव दीक्षित, प्रो डीके श्रीवास्तव, डॉ उमेश सिंह, डॉ अशोक कुमार, डॉ शशि कांत शुक्ला, प्रो अरविंद तिवारी, डॉ उपकार कुमार वर्माप्रो राजीव दीक्षित, प्रो डीके श्रीवास्तव, डॉ उमेश सिंह, डॉ अशोक कुमार, डॉ शशि कांत शुक्ला, प्रो अरविंद तिवारी, डॉ उपकार कुमार वर्मा आदि शिक्षक, समस्त विद्यार्थी, कर्मचारी गण मौजूद थे।

इस व्याख्यान मे एस.डी. कॉलेज मुजफ्फरनगर के डॉ नवीन कुमार एसडी कॉलेज मुजफ्फरनगर के डॉ नवीन कुमार भी उपस्थित रहे। यह व्याख्यान महाविद्यालय के प्रबंधन समिति के अध्यक्ष टीए  मिश्र के दिशा निर्देश एवं कॉलेज के प्राचार्य प्रोफेसर रमेश धर द्विवेदी के उपास्थिति में सकुशल सम्पन्न हुआ। कार्यक्रम के अंत में प्रो आलोक धवन का आभार विभाग के वरिष्ठ प्रोफेसर एनके अवस्थी के द्वारा किया गया।

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