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सिपाही के रसूख के आगे एसपी का आदेश फीका, ट्रांसफर के बाद भी नसीराबाद थाने में तैनात है सिपाही

रायबरेली। जिले के पुलिस अधीक्षक आलोक प्रियदर्शी की अनदेखी में  उनके आदेशों की धज्जियां उड़ाई जा रही है।  थाना नसीराबाद में तैनात आरक्षी का ट्रान्सफर होने के बावजूद भी नसीराबाद को छोड़ने के लिए तैयार नहीं है। लगभग 3 वर्षों से ज्यादा आरक्षी योगेश यादव नसीराबाद में ही तैनात है। नसीराबाद थाने का मुंशीयाना का काम योगेश ही करता है।  आपको बता दें लगभग डेढ़ महीने पहले योगेश को नसीराबाद से खीरों भेज दिया गया है लेकिन योगेश नसीराबाद को छोड़ने को तैयार ही नहीं। सूत्र बताते हैं कि सेटिंग-गेटिंग कर नसीराबाद में ही टिके हुए हैं।

आरोप है कि पूरे क्षेत्र में होने वाली वसूली योगेश ही करता है। ला एंड आर्डर के अनुसार एक सिपाही 3 साल से ज्यादा एक ही थाने पर तैनात नहीं रह सकता है। लेकिन योगेश का यह जलवा है कि वह 3 वर्षों से ज्यादा एक ही थाने पर तैनात है। बड़ी बात तो यह है कि ट्रांसफर होने के बाद भी थाने को छोड़ने का नाम ही नहीं ले रहे है।

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डेढ़ महीने पहले ही ट्रांसफर लिस्ट में नाम होने के बावजूद भी नसीराबाद थाने का मोह नहीं छोड़ पा रहे योगेश। अब तो आने वाला वक्त ही बताएगा कि आखिरकार योगेश को नसीराबाद थाने से ऐसा कौन सा मोह है जिसकी वजह से वो पुलिस अधीक्षक के आदेश को दरकिनार कर रहे है?

क्या कहते है जिम्मेदार?

इस बाबत थानाध्यक्ष नारायण कुशवाहा ने कहा आरक्षी योगेश यादव का नसीराबाद से खीरों ट्रांसफर की बात सत्य है लेकिन उसकी पिता की तबीयत खराब है जिसकी वजह से नसीराबाद के बगल में उसके पिता का इलाज चलता है। जिसकी वजह से वह उच्चाधिकारियों के निर्देशों के बाद रुका हुआ है। लेकिन चुनाव से पहले उस की रवानगी करा दी जाएगी और वसूली जैसे लगाए गए आरोप असत्य हैं।

रिपोर्ट-दुर्गेश मिश्रा

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