अपने इतिहास के सबसे बुरे दिनों से गुजर रहे श्रीलंका में इन दिनों वहां के सेंट्रल बैंक द्वारा अपने कर्मियों की वेतन बढ़ोतरी का मुद्दा जोरों से विवादों में हैं। हाल ही में श्रीलंका की संसदीय समिति ने भी इसका संज्ञान लेते हुए इसकी समीक्षा करने को कहा था। वहीं, अब संसदीय समिति के हस्तक्षेप के बाद सेंट्रल बैंक ऑफ श्रीलंका ने विवादित वेतन वृद्धि को संशोधित करने पर अपनी सहमति जताई है।
सार्वजनिक वित्त आयोग (सीओपीएफ) ने के हस्तक्षेप के बाद सेंट्रल बैंक ऑफ श्रीलंका ने एक बयान जारी किया है। इसमें उसने कहा कि स्थिति को देखते हुए सीबीएसएल के अधिकांश वरिष्ठ अधिकारियों ने अपने वेतन में संशोधन पर विचार करने का सामूहिक निर्णय लिया है। इसमें यह भी कहा गया है कि वह विंग में अनुभवी और पेशेवर कर्मचारियों को नियुक्त करता है। हाल ही में किया गया वेतन संशोधन अनुभवी कर्मचारियों को पूरी क्षमता से काम करने के लिए बनाए रखने के लिए किया गया था।
इससे पहले, बीते बुधवार को सार्वजनिक वित्त आयोग (सीओपीएफ) ने सेंट्रल बैंक ऑफ श्रीलंका (सीबीएसएल) को विवादास्पद भारी वेतन वृद्धि के कार्यान्वयन को रोकने की सिफारिश की। इस सिफारिश से पहले केंद्रीय समिति ने बैंक की कार्य प्रणाली की जांच और समीक्षा भी की थी। अपनी सिफारिशों में समिति ने कहा था कि केंद्रीय बैंक को दी गई परिचालन स्वतंत्रता के बावजूद, सभी वित्त सरकारी नियंत्रण के अधीन हैं।