सात स्टार्टअप को किया गया पुरस्कृत, अपर मुख्य सचिव अपर मुख्य सचिव अवसंरचना एवं औद्योगिक विकास आईटी एवं इलेक्ट्रॉनिक विभाग अरविंद कुमार मुख्य अतिथि और प्रमुख सचिव तकनीकी शिक्षा सुभाष चंद्र शर्मा बतौर विशिष्ट अतिथि रहे उपस्थित।
- Published by- @MrAnshulGaurav
- Saturday, June 18, 2022
लखनऊ. डॉ एपीजे अब्दुल कलाम प्राविधिक विश्वविद्यालय में शनिवार को इनोवेशन हब की ओर से स्टार्टअप संवादः यूपी स्टार्टअप चैलेंज एंड एक्स्पो का आयोजन किया गया। प्रदेश के 60 स्टार्टअप प्रतिभाग किया. एग्जिबिशन लगाया गया. कार्यक्रम में बतौर मुख्य अतिथि अपर मुख्य सचिव अवसंरचना एवं औद्योगिक विकास आईटी एवं इलेक्ट्रॉनिक विभाग अरविंद कुमार ने कहा कि पिछले कुछ समय से उत्तर प्रदेश का माहौल बदल रहा है।
अब यहां तेजी से बुनियादी सुविधाएं बढ़ रही है। फिर चाहे वह शांति व्यवस्था हो या सड़क, बिजली, पानी इंटरनेट का तेजी से पूरे प्रदेश में जाल बिछ रहा है। जिसका परिणाम ये है कि अब प्रदेश में बहुत भारी मात्रा में निवेश हो रहे हैं। ऐसे क्षेत्र भी विकास की मुख्य धारा में आ रहे हैं जो अब तक अछूते थे। कहा कि इसका फायदा कहीं न कहीं छात्रों और युवाओं को भी मिलेगा। कहा कि प्रदेश में स्टार्टअप का माहौल बन रहा है। सरकार इस दिशा में कई कदम भी उठा रही है। बताया कि प्रदेश के हर हिस्से में सेंटर ऑफ एक्सिलेंस शुरू करने की कवायद की जा रही है।
एकेटीयू में भी ड्रोन के लिए सेंटर ऑफ एक्सिलेंस शुरू करने की बात कही। कहा कि सरकार कुछ नया करने वालों को हर तरह से सहायता देने के लिए प्रतिबद्ध है। स्टार्टअप को आगे बढ़ाने के लिए हर तरह से प्रयास किया जा रहा है। कहा कि तकनीकी संस्थानों के शिक्षकों की भी ये जिम्मेदारी है कि वो अपने छात्रों की क्षमताओं को परखें और उनके नये विचार को शेप देने में मदद करें। छात्रों से कहा कि हमारे आस-पास तमाम समस्याएं हैं उनके समाधान तकनीकी के जरिये हमें उनके समाधान का प्रयास करना चाहिए।
विशिष्ट अतिथि प्रमुख सचिव तकनीकी शिक्षा सुभाष चंद्र शर्मा ने कहा कि स्टार्टअप के लिए जरूरी है धैर्य। बिना धैर्य के हम सफल नहीं हो सकते। बताया कि स्टार्टअप शुरू करने के दौरान बहुत सी चुनौतियां और नकारात्मक चीजें आएंगी लेकिन इनसे डरना नहीं है। कहा कि अपने आप को इतना काबिल बना लीजिए कि खुद ब खुद पहचान बन जाएगी। कहा कि कोई भी काम पूरी क्षमता और परफेक्शन से करना चाहिए। वहीं दूसरे विशिष्ट अतिथि यूपीएलसी के एमडी कुमार विनीत ने प्रदेश में स्टार्टअप को लेकर सरकार की योजनाओं की विस्तार से जानकारी दी।
कहा कि स्टार्टअप के लिए प्रदेश में एक पूरा इको सिस्टम तैयार किया जा रहा है। बताया कि जल्द ही प्रदेश के हर जिले में एक मेंटॉर रहेगा। साथ ही हर मंडल में आईटी पार्क स्थापित किया जा रहा है। जिससे कि प्रदेश में जो जहां है उसे वहीं नवाचार के लिए सारी सुविधाएं उपलब्ध करायी जा सके। साथ ही बताया कि स्टार्टअप को स्थापित करने तक की हर प्रक्रिया में सरकार मदद कर रही है। कहा कि सरकार स्टार्टअप को आर्थिक सहायता भी कर रही है, जिससे कि इन्क्युबेटीज बिना किसी रूकावट अपने आइडिया को आगे बढ़ा सकें। वहीं, विदेश में लगने वाले एक्स्पो में भाग लेने के लिए सरकार इन्क्युबेटीज की मदद कर रही है। कुलपति प्रो0 प्रदीप कुमार मिश्र ने कहा कि अब समय बदल गया है। देश की इतनी बड़ी आबादी है ऐसे में सबको नौकरी मिलना संभव नहीं है। इसलिए युवाओं को नौकरी करने वाला नहीं बल्कि नौकरी देने वाला बनना चाहिए।
कहा कि उत्तर प्रदेश में स्टार्टअप के प्रति युवाओं में चेतना आयी है। कहा कि यह कार्यक्रम स्टार्टअप के लिए नींव का पत्थर साबित होगा। इंडियन बॉयोगैस एसोसिएशन के अध्यक्ष गौरव केडिया ने गौ आधारित उन्नति के बारे में बताया। धन्यवाद कुलसचिव नंदलाल सिंह ने दिया। संचालन वंदना शर्मा ने दिया। इस मौके पर वित्त अधिकारी जीपी सिंह, इनोवेशन एंड इन्क्युबेशन डीन प्रो0 संदीप तिवारी, उप कुलसचिव डॉ0 आरके सिंह, सेंटर फॉर एडवांस्ड स्टडीज के निदेशक प्रो0 एमके दत्ता, डॉ0 अनुज कुमार शर्मा, इनोवेशन हब के हेड महीप सिंह सहित अन्य लोग मौजूद रहे।
एग्जिबिशन ने जीता दिल
स्टार्टअप संवाद के दौरान प्रदेश के विभिन्न हिस्सों से आये स्टार्टअप के लिए एग्जिबिशन भी लगाया गया था। करीब 60 स्टॉल पर स्टार्टअप का मॉडल लगाया गया था। जिसका निरीक्षण प्रमुख सचिव तकनीकी शिक्षा सुभाष चंद्र शर्मा, विशिष्ट अतिथि यूपीएलसी के एमडी कुमार विनीत, कुलपति प्रो0 प्रदीप कुमार मिश्र सहित अन्य अतिथियों ने निरीक्षण किया। अतिथियों ने स्टार्टअप प्रोडक्ट की जानकारी भी ली। एग्जिबिशन में एक से बढ़कर एक प्रोडक्ट लगे थे। किसी ने डिलेवरी ड्रोन बनाया है तो किसी ने मंदिर की राख का इस्तेमाल कर विभिन्न प्रकार के मॉडल बनाये हैं।
टॉप 8 आइडिया को मिला पुरस्कार
कार्यक्रम में प्रतिभाग करने वाले 60 स्टार्टअप ने अपने प्रोडक्ट का जूरी सदस्यों के सामने प्रस्तुतिकरण दिया। प्रस्तुति देखने के बाद जूरी ने ओवरऑल आठ स्टार्टअप का चयन किया। जिसमें से सामाजिक प्रभाव, कृषि या ग्रामीण विकास, ऊर्जा से संबंधित और नई तकनीकी में चार स्टार्टअप का चयन किया। जिन्हें 25-25 हजार रूपये का पुरस्कार दिया गया। वहीं सात ओवरऑल सात में से टॉप तीन को क्रमशः एक लाख, 75 हजार और 50 हजार का पुरस्कार दिया जाएगा। जूरी सदस्यों में डॉ0 एसपी मिश्रा, पीएस ओझा, सुधांशू रस्तोगी, वीके वर्मा, गौरव केडिया, डॉ0 प्रियंका शर्मा, अभिषेक तिवारी, मनवीन चड्ढा, वैभव सक्सेना, प्रीति चौधरी और अजय सुमन शुक्ला मौजूद रहे।
ये हैं नए इनोवेटिव आइडियाज़ :
ड्रोन से दवा पहुंचाना होगा आसान
1- शदाकत और उनकी टीम ने डिलेवरी ड्रोन बनाया है। यह ड्रोन करीब 160 किलोमीटर तक की दूरी काफी कम समय में तय कर आपात स्थिति में मरीज के पास दवाएं पहुंचाने में सक्षम है। यह ड्रोन खासकर दुर्गम एरिया के लिए काफी मददगार साबित होंगे।
डिजिटल गमला से पौधे रहेंगे सुरक्षित
2- शिवांगी और उनकी टीम ने डिजिटल गमला तैयार किया है। इस गमले में सेंसर लगे हुए हैं। जिससे कि पौधों को पानी, खाद आदि की जानकारी मिल सकेगी। साथ ही यदि पौधे को कोई रोग लग रहा है तो उसकी भी जानकारी हो जाएगी। इस गमले से पौधे पूरी तरह से सुरक्षित रहेंगे।
आर्मी के लिए खास है ड्रोन
3- व्योम राजन सिंह और उनकी टीम ने मिलकर आर्मी के लिए सुविधाजन ड्रोन बनाया है। यह बेहद छोटा ड्रोन 30 मिनट तक उड़ान भरने में सक्षम है। साथ ही इसमें लगा कैमरा रात में भी काम करेगा। यह पूरी तरह से जीपीएस से लैस है।
राख से बनाया आकर्षक मॉडल
4- ग्रेटर नोएडा के आकाश सिंह और उनकी टीम ने मंदिरों से निकलने वाली राख का प्रयोग कर विभिन्न प्रकार के आकर्षक मॉडल तैयार किये हैं। ये मॉडल इन्होंने जेल कैदियों को प्रशिक्षित कर उन्हीं से बनवाये हैं।
कचरे से बनाया गिफ्ट
5- अंकित त्रिपाठी और अतुल त्रिपाठी ने कचरे का उपयोग करके विभिन्न प्रकार के इको फ्रैन्डली प्रोडक्ट बनाये हैं। जैसे, पर्स, बैग और अन्य तरह के गिफ्ट आइटम।
नाड़ी परीक्षण डिवाइस है खास
6- काजल श्रीवास्तव ने नाड़ी परीक्षण डिवाइस बनाया है। यह डिवाइस घड़ी की तरह नाड़ी पर लगायी जाएगी। इसके बाद कुछ देर में यह डिवाइस विभिन्न प्रकार के जांच की रिपोर्ट देगी। यह आयुर्वेद के डॉक्टर के लिए कारगर है।
अब दूध उबल के गिरेगा नहीं
7- प्रोटोविला कंपनी के कर्ताधर्ता जिवेश गुप्ता ने एक ऐसी मशीन बनायी है जो दूध को उबलने के दौरान गिरने से रोकेगा। इस मशीन के दो भाग है। एक भाग दूध के बर्तन के ऊपर होगा, जिसमें लगा सेंसर दूध में रहेगा। जबकि एक भाग गैस चूल्हे के नॉब पर लगेगा। जैसे ही दूध का तापमान 96 डिग्री पर जाएगा नॉब अपने आप बंद हो जाएगा। इससे न केवल दूध गिरने से बचेगा बल्कि किसी को चूल्हे के पास खड़ा भी नहीं रहना पड़ेगा।