उत्तर प्रदेश में हमीरपुर के मौदहा क्षेत्र में मोस्टवांटेड हिस्ट्रीशीटर विकास दुबे के एक साथी अमर दुबे को पुलिस की स्पेशल टास्क फोर्स (एसटीएफ) ने बुधवार तड़के एक संक्षिप्त मुठभेड़ के बाद मार गिराया. पुलिस सूत्रों ने बताया कि एक सूचना के आधार पर एसटीएफ और हमीरपुर पुलिस ने अमर को मौदहा कस्बे में घेर लिया और उसे आत्मसमर्पण की चेतावनी दी लेकिन अभियुक्त ने फायरिंग करते हुये भागने का प्रयास किया. जवाबी कार्रवाई में एसटीएफ ने उसे ढेर कर दिया.
उन्होने बताया कि शिवली थाना क्षेत्र का निवासी संजीव दुबे का पुत्र अमर हिस्ट्रीशीटर का रिश्तेदार होने के साथ उसका खास गुर्गा था. बिकरू गांव में दबिश देने गयी पुलिस टीम पर उसने छत से गोलियां चलायी थी जिसमें कोतवाल समेत आठ पुलिसकर्मी शहीद हो गये थे. पुलिस ने जो पोस्टर जारी किये है,उसमें 11वें नम्बर पर अमर दुबे का नाम अंकित है. सूत्रों ने बताया कि बेहद कम उम्र में अमर हिस्ट्रीशीटर के गैंग का हिस्सा बन गया था. वह विकास के लिये रंगदारी और शराब के ठेकों से वसूली का काम देखता था.इस बीच विकास दुबे को हरियाणा में फरीदाबाद के सेक्टर 87 में दिखायी देने की सूचना पुलिस को मिली है.
सूत्रों का दावा है कि मंगलवार देर रात विकास एक होटल की सीसी फुटेज में देखा गया लेकिन पुलिस के पहुंचने से पहले वह वहां से फरार हो गया. उसके उत्तराखंड की सीमा में दाखिल होने की संभावना के मद्देनजर वहां की पुुलिस को अलर्ट कर दिया गया है. फरीदाबाद में विकास के दो और साथियों के भी पकड़े जाने की सूचना है हालांकि इसकी आधिकारिक पुष्टि नहीं हो सकी है.विकास का गुर्गा अमर दुबे मुठभेड़ में ढेरगौरतलब है कि गुरूवार और शुक्रवार की रात चौबेपुर के बिकरू गांव में हत्या के प्रयास के मामले में हिस्ट्रीशीटर विकास दुबे को गिरफ्तार करने गयी पुलिस टीम पर बदमाशों ने फायरिंग की थी.
इस हमले में पुलिस उपाधीक्षक बिल्हौर देवेंद्र कुमार मिश्र के अलावा शिवराजपुर के थाना प्रभारी महेश यादव,मंधना चौकी प्रभारी अनूप कुमार, शिवकराजपुर थाने में तैनात उपनिरीक्षक नेबूलाल,चौबेपुर थाने में तैनात कांस्टेबल सुल्तान सिंह ,बिठूर थाने में तैनात कांस्टेबल राहुल,जितेंद्र और बबलू शहीद हो गये थे जबकि घटना में सात पुलिसकर्मी घायल हो गये थे.