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मीजिल्स-रूबेला उन्मूलन व विटामिन-ए संपूरण की बनाई रणनीति

• विशेष टीकाकरण पखवाड़ा व बाल स्वास्थ्य पोषण माह पर हुई जिला टास्क फोर्स बैठक

• जन प्रतिनिधियों और सामुदायिक प्रभावशाली व्यक्तियों से सहयोग के लिए की अपील

वाराणसी। मीजिल्स-रूबेला (एमआर) बीमारी के उन्मूलन के लिए सरकार बेहद गंभीर है। इसकी रोकथाम के लिए बच्चों का शत-प्रतिशत एमआर का टीकाकरण होना जरूरी है। साथ ही बच्चों में विटामिन ए की कमी पूरी करने के लिए समय से विटामिन ए की खुराक पिलाना भी आवश्यक है। एमआर टीकाकरण के लिए जिले में नौ जनवरी से विशेष टीकाकरण पखवाड़ा शुरू किया जाएगा। जबकि बाल स्वास्थ्य पोषण माह 28 दिसंबर 2022 से संचालित किया जा रहा है।

उक्त अभियान को लेकर शनिवार को मुख्य चिकित्सा अधिकारी कार्यालय में सीएमओ डॉ संदीप चौधरी की अध्यक्षता में जिला टास्क फोर्स (डीटीएफ़) की वर्चुअल बैठक हुई। दोनों अभियानों के सफलतापूर्वक संचालन के लिए रणनीति तैयार की गई। बैठक में सीएमओ ने कहा कि विशेष टीकाकरण पखवाड़ा नौ जनवरी से 20 जनवरी तक चलेगा। इसमें शत-प्रतिशत बच्चों को एमआर का टीका लगेगा। उन्होंने एएनएम, आशा व आंगनबाड़ी कार्यकर्ता को निर्देशित किया कि एक भी बच्चा टीकाकरण से न छूटने पाये। साथ ही जिन बच्चों का अभी किसी भी कारण से टीकाकरण नहीं हुआ है उन बच्चों को टीकाकरण केन्द्र पर ले जाकर टीका लगवा जाए।

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इस अभियान में आईसीडीएस, पंचायत राज, शिक्षा विभाग के साथ आईएमए, यूनिसेफ, डब्ल्यूएचओ, एनडीआरएफ़ सहित अन्य स्थानीय संस्थाओं का सहयोग लिया जाएगा। इसके अलावा ग्रामीण स्वास्थ्य स्वच्छता एवं पोषण दिवस (वीएचएनडी) व शहरी स्वास्थ्य स्वच्छता एवं पोषण दिवस (यूएचएनडी) सत्र पर नौ माह से पांच वर्ष तक के शत-प्रतिशत बच्चों को विटामिन-ए की खुराक पिलाई जाए। बैठक में जिला प्रतिरक्षण अधिकारी डॉ निकुंज कुमार वर्मा ने बताया कि संक्रमण को देखते हुए टीकाकरण को विशेष महत्व दिया जा रहा है। मीजिल्स-रुबेला उन्मूलन के लिए जनपद में विशेष टीकाकरण पखवाड़ा तीन चरणों में चलाया जाएगा। पहला चरण नौ जनवरी, दूसरा 13 फरवरी और तीसरा 13 मार्च से चलेगा।

उन्होने बताया कि नियमित टीकाकरण पूरी तरह से प्रभावी है। खसरा और रूबेला की वैक्सीन डोज बच्चों को देना जरूरी है साथ ही समय से विटामिन ए की खुराक भी, इससे बच्चों को बीमारियों से लड़ने की शक्ति मिलती है। समस्त शहरी एवं ग्रामीण क्षेत्रों मे सभी शून्य से पांच वर्ष तक के बच्चों को सूचीबद्ध कर उनकी टीकाकरण स्थिति का आंकलन करते हुये छूटे हुये बच्चों को चिन्हित किया गया है।

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वरिष्ठ चिकित्सा अधिकारी डॉ एके पाण्डेय ने बताया कि इस अभियान में टीकाकारण के प्रति उदासीन परिवारों के बच्चों का टीकाकरण पर फोकस रहेगा, जिससे सभी छूटे हुए बच्चो का शत-प्रतिशत टीकाकरण सुनिश्चित किया जा सके। इस कार्य में ब्लॉक रिस्पॉन्स टीम का रोल अहम होगा, साथ ही यूनिसेफ, जनप्रतिनिधियों, कम्युनिटी इनफ्लुएंसर (सामुदायिक प्रभावशाली व्यक्ति), रोटरी क्लब, एनएसएस भी सहयोग लिया जाएगा। प्रत्येक सप्ताह टीकाकरण प्रगति समीक्षा की जाएगी। उन्होंने सभी से अपना सहयोग देना की अपील की।

बैठक में जिला महिला चिकित्सालाय की एसआईसी, समस्त डिप्टी व एसीएमओ, उप जिला प्रतिरक्षण अधिकारी, आईसीडीएस से जिला कार्यक्रम अधिकारी, यूनिसेफ से एसआरटीएल व डीएमसी, डब्ल्यूएचओ से एसएमओ व एसआरटीएल, यूएनडीपी से डीसीसीएम, एनआई से मण्डल समन्वयक सहित चिकित्सा अधिकारी शामिल रहे।

रिपोर्ट-संजय गुप्ता

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