लखनऊ। लखनऊ विश्वविद्यालय के जूलॉजी विभाग में आज मिशन शक्ति कार्यक्रम के तहत एक विशेष सत्र का आयोजन किया गया। इस सत्र का मुख्य उद्देश्य STEM (विज्ञान, प्रौद्योगिकी, इंजीनियरिंग और गणित) में महिलाओं को सशक्त बनाना और उनकी प्रगति से जुड़े प्रमुख मुद्दों पर चर्चा करना था। यह आयोजन कुलपति प्रो आलोक कुमार राय की प्रेरणा से संपन्न हुआ।
कार्यक्रम में प्रो-वाइस चांसलर प्रो मनुका खन्ना मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित रहीं। अपने संबोधन में उन्होंने ऐसे प्रयासों की महत्वपूर्ण भूमिका पर प्रकाश डाला, जो शिक्षा और शोध में समावेशिता को बढ़ावा देने और लैंगिक समानता को प्रोत्साहित करने में सहायक हैं।
डॉ ज्योति बाजपेयी दीक्षित ने “जेनेटिक काउंसलिंग की भूमिका” विषय पर एक विचारोत्तेजक व्याख्यान दिया। उन्होंने आधुनिक स्वास्थ्य सेवा में इसकी प्रासंगिकता और आनुवंशिक बीमारियों के समाधान में इसकी भूमिका पर चर्चा की। वहीं, डॉ पॉलिन कवाली ने “STEM में महिलाएं” विषय पर व्याख्यान दिया और विज्ञान के क्षेत्र में महिलाओं के सामने आने वाली चुनौतियों और लैंगिक असमानता को दूर करने के उपायों पर प्रकाश डाला।
कार्यक्रम की शुरुआत जूलॉजी विभाग के अध्यक्ष प्रो एम सिराजुद्दीन द्वारा अतिथियों के स्वागत से हुई। कार्यक्रम समन्वयक डॉ निधि मिश्रा ने “STEM में महिलाएं: मुद्दे, चुनौतियां और समाधान” नामक एक प्रभावशाली डॉक्यूमेंट्री प्रस्तुत की, जिसने दर्शकों को गहराई से प्रभावित किया।
प्रो मोनीषा बनर्जी और प्रो अमिता कनौजिया ने वक्ताओं का परिचय देते हुए उनके उल्लेखनीय योगदान और उपलब्धियों को साझा किया। डॉ हदिया हुसैन ने कुशलतापूर्वक कार्यक्रम का संचालन किया।
मिशन शक्ति की नोडल अधिकारी डॉ मानिनी श्रीवास्तव ने भी कार्यक्रम में उपस्थिति दर्ज कराई और विभाग द्वारा इस प्रकार के सार्थक आयोजन की सराहना की। कार्यक्रम में प्रो शैले मलिक, प्रो गीतांजलि मिश्रा, डॉ कल्पना सिंह, डॉ अमित त्रिपाठी, डॉ मनोज कुमार, डॉ मधु गुप्ता, डॉ आकांक्षा शर्मा, डॉ परमजीत सिंह, डॉ अशुतोष रंजन, डॉ त्रिप्ति यादव, और डॉ नितीश राय सहित कई सम्मानित संकाय सदस्य उपस्थित रहे।
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कार्यक्रम में छात्रों ने बड़ी संख्या में भाग लिया, जो चर्चा किए गए विषयों के प्रति उनकी उत्सुकता और गहरी रुचि को दर्शाता है। मिशन शक्ति पहल प्रेरित और सशक्त करना जारी रखे हुए है, जो लखनऊ विश्वविद्यालय की समावेशी और प्रगतिशील शैक्षणिक वातावरण के प्रति प्रतिबद्धता को मजबूत करती है।