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यूपी में पहले जो काम 500 रुपये में हो जाते थे, वो अब दस हजार देने पर भी नहीं होते: राजभर

सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष और पूर्व कैबिनेट मंत्री ओम प्रकाश राजभर ने कानून व्यवस्था पर सवाल उठाते हुए कहा कि पिछली सरकार में 500 रुपये में काम हो जाता था. इस सरकार में 10 हजार देने पर भी काम नहीं हो रहा है. इस सरकार में अपहरण कुटीर उद्योग हो गया है और हत्या आम बात हो गई है. राजभर कार्यकर्ता समीक्षा कार्यक्रम में शिरकत करने पहुंचे थे.

मीडिया से बातचीत में राजभर ने कहा कि गुंडाराज और भ्रष्टाचार के खिलाफ जो नारा देकर बीजेपी सरकार में आई थी, आज वह कहीं नजर नहीं आता. अब तो भ्रष्टाचार युग सरकार हो गई है. कोई विभाग ऐसा नहीं है जहां पर भ्रष्टाचार न हो. ऐसा कोई थाना नहीं है, जहां पर पीडि़त की सुनी जा रही हो. अब पीडि़त व्यक्ति ने थाने पर एनफआईआर करा लिया तो उसने गोल्ड जीत लिया समझो.

पुलिस द्वारा 20-20 हजार, 50-50 हजार रुपया मांगा जा रहा है तो एफआईआर दर्ज होगी. एसपी महोबा ने एक पंडित जी से कहा कि 6 लाख दो नहीं तो गोली मार दूंगा. इसके बाद उसकी हत्या हो गई. अभी बरेली में भी दरोगा अपने स्टाफ को ट्रेनिंग दे रहा था कि बड़े आदमी के बेटे को पकड़ो जो 10 लाख व 5 लाख दे देगा. पानी हमेशा ऊपर से नीचे की तरफ आता है. यह भ्रष्टाचार ऊपर से है.

ओमप्रकाश राजभर ने कल्याण सिंह और मायावती की तारीफ की. साथ ही कहा की 2022 में अगर हमारी सरकार बन जाती है तो जिस प्रकार मायावती और कल्याण सिंह के समय अपराधी देश को छोड़कर चले गए थे, उसी तरीके से प्रदेश से अपराधी छोड़कर चले जाएंगे.

ओमप्रकाश राजभर किसानों के पराली जलाने पर सरकार द्वारा की जाने वाली कार्रवाई पर बोलते हुए कहा कि जब किसान की फसल जलती है तो उसकी खबर दिल्ली नहीं पहुंचती, क्योंकि मुआवजा देना पड़ेगा. अगर किसान खेत में पुआल चला रहा है तो वह खबर तुरंत दिल्ली पहुंच जा रही है.

सरकार ने 262 किसानों पर एफआईआर किया है. 16 किसानों को जेल भेज दिया है. यह  किसानों के साथ अन्याय है. सरकार की नियत किसानों के हित में नहीं है. उन्होंने कहा कि एक हफ्ते बाद अगर यह सरकार किसानों का मुकदमा वापस नहीं लेती है तो मैं लखनऊ में किसानों के साथ धरने पर बैठूंगा.

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