लखनऊ। पांच वर्ष तक जुमलेबाजी और झूठे आश्वासनों से इस सरकार ने जनहित को नाकारते हुये देश को पीछे धकेलने का कार्य किया है। रालोद नेता सुनील सिंह ने कहा,देश की जनता को झूठे प्रलोभनों को पहचानने की जरूरत है। उन्होंने कहा विगत पांच वर्षो के कार्यकाल की समीक्षा की दृष्टि से बेकारी,बेरोजगारी,मंहगाई,कानून व्यवस्था,महिलाओं का उत्पीडन एवं युवा वर्ग के भटकाव के साथ-साथ जनहित की अनदेखी है।
घोषणा पत्र के एक भी वादों पर अमल नहीं
2014 के लोकसभा चुनाव में जिन घोषणाओं पर वोट ले करके सरकार बनाई उनमें से एक भी घोषणा अमल नहीं हो सकी। अयोध्या के राम मन्दिर से लेकर निर्मल गंगा परियोजना के साथ साथ प्रतिवर्ष 2 करोड़ नौकरियां और विदेशों का कालाधन दिन में वापस लाने और प्रत्येक नागरिक के खाते में 15.15 लाख भेजने के नारे जैसे प्रलोभन धरे के धरे रह गये। यदि सामाजिक आवश्यकताओं का ध्यान एवं विकास करने की इच्छा भाजपा नेताओं में पहले थी तो इन सौगातों को चार साल पूर्व ही क्यों नहीं दिया गया,स्पष्ट है कि जनता को लुभाने और भ्रमित करने का माध्यम इन सौगातों को बनाया जा रहा है।
पांच वर्षों में बेरोजगारी,किसानों की समस्या और न्यूनतम समर्थन मूल्य को दो गुना करने के वादे, गन्ना किसानों के बकाये भुगतान के वादे, सरकारी पदों पर भर्ती के वादे, बिजली के दाम कम करने के वादे, महिलाओं को सुरक्षा देने के वादे। नोटबन्दी के पचास दिन में हालात सुधर जाने के वादे को पूरा न कर पाने को याद करना चाहिए तथा जीएसटी से रोजगार को जो भारी हानि हुई है और लोगों का रोजगार छिन गया है। उसको भी याद करने की जरूरत है।
महिलाओं के प्रति दुष्कर्म और अत्याचार बढ़ा
हत्या एवं बलात्कार की घटनाएं तेजी से बढ़ी हैं उससे “बेटी पढ़ाओ बेटी बचाओ” जैसा नारा मात्र एक जुमला साबित हुआ है। जिस तरह से उत्तर प्रदेश में महिलाओं के प्रति दुष्कर्म और अत्याचार बढ़ा है। वर्ष 2019 में होने वाले चुनाव केवल चुनाव ही नहीं है। इसमें निकट भविष्य में देश और जनहित में होने वाले परिवर्तन का भी संदेश है। जनता ने तय कर लिया है कि वह अब भाजपा से पूरा हिसाब लेगी।