सुप्रीम कोर्ट से एक बड़ी खबर आ रही है. कोर्ट ने दिग्गज ई-कॉमर्स कंपनी Amazon की याचिका पर फैसला सुनाते हुए Reliance- Future Group डील पर रोक लगा दी है. सोमवार को सुप्रीम कोर्ट ने लोवर कोर्ट के फैसले को रोकते हुए ये फैसला सुनाया है. लाइव मिंट की खबर के मुताबिक अब अगले आदेश तक इस डील से संबंधित सभी ट्रांजैक्शन पर रोक लगा दी गई है. ई – कॉमर्स कंपनी एमेजॉन की याचिका पर सुप्रीम कोर्ट ने फ्यूचर रिटेल और रिलायंस इंडस्ट्रीज लिमिटेड को नोटिस जारी किया है.
इस नोटिस में दोनों कंपनियों से तीन सप्ताह के भीतर अपना पक्ष रखने को कहा गया है. साथ ही सुप्रीम कोर्ट ने रिलायंस-फ्यूचर के बीच हुई डील की आगे की प्रक्रिया पर फिलहाल रोक लगा दी है. कोर्ट के इस फैसले से रिलायंस रिटेल को बड़ा झटका लगा है. दरअसल मुकेश अंबानी की कंपनी रिलायंस रिटेल इस डील के जरिए रिटेल सेक्टर में अपनी पकड़ और मजबूत करना चाह रही थी जिसपर फिलहाल अब रोक लग गई है.
दरअसल इससे पहले रिटेल स्टोर चलाने वाले फ्यूचर ग्रुप ( Future Group) ने आरोप लगाया था कि अमेरिकी रिटेल कंपनी एमेजॉन (Amazon) ने रिलायंस इंडस्ट्रीज (RIL) को कारोबार बेचने के उसके करार के खिलाफ उससे 290 करोड़ रुपए (4 करोड़ डॉलर) का मुआवजा मांगा था. एमेजॉन ने फ्यूचर ग्रुप की ओर से सिंगापुर के पंच-निर्णय मंच पर किए गए इस दावे को झूठा और भ्रामक करार दिया है. किशोर बियानी के नेतृत्व वाले फ्यूचर समूह ने सिंगापुर के अंतर्राष्ट्रीय मध्यस्थता निर्णय केंद्र की एक पीठ के समक्ष प्रस्तुत अपने दावे में कहा है कि एमेजॉन ने रिलायंस इंडस्ट्रीज के साथ उसके करार पर फोन से हुई बातचीत में 4 करोड़ डॉलर यानी 290 करोड़ रुपए की मांग की थी.
RIL-फ्यूचर ग्रुप में हुई थी 24713 करोड़ रुपए की डील
फ्यूचर ग्रुप ने यह भी कहा है कि अमेरिकी कंपनी एमेजॉन को 24,713 करोड़ रुपए के फ्यूचर-रिलायंस इंडस्ट्रीज सौदे का पूरा ज्ञान था. लेकिन एमेजॉन के एक प्रवक्ता ने कहा कि कंपनी फ्यूचर समूह के इस दावे को असत्य और भ्रामक मानती है. प्रवक्ता ने कहा कि फ्यूचर का यह दावा संदिग्ध है और यह ऐसे समय पर जनता में भ्रम फैलाने का प्रयास है जबकि एमेजॉन ने उच्चतम न्यायालय के समक्ष एक विशेष अनुमति याचिका दायर की है.
ये है पूरा मामला
अगस्त 20019 में एमेजॉन फ्यूचर समूह की गैर सूचीबद्ध कंपनी फ्यूचर कूपंस लिमिटेड की 49 फीसदी हिस्सेदारी खरीदने का एक करार किया था. फ्यूचर कूपंस के पास फ्यूचर समूह की बीएसई में सूचीबद्ध कंपनी फ्यूचर रिटेल की 7.3% हिस्सेदारी है. एमेजॉन ने फ्यूचर के साथ यह भी करार किया था कि वह 3 से लेकर 10 साल के बीच सूचना डिटेल्स को भी खरीद सकती है.
29 अगस्त 2020 को फ्यूचर समूह ने रिलायंस के साथ अपने करार घोषणा जिसमें उसने अपने खुदरा और थोक व्यवसाय को रिलायंस रिटेल को बेचने का करार कर लिया था, में कहा था कि रिलायंस इंडस्ट्रीज के साथ उसका यह करार 24,713 करोड़ रुपए का है. एमेजॉन ने इसके खिलाफ अक्टूबर 2020 में सिंगापुर अंतर्राष्ट्रीय पंचाट केंद्र में एक सदस्यीय आपातकालीन पीठ के समक्ष चुनौती दी. अमेजन ने आरोप लगाया कि रिलायंस के साथ कारोबार बेचने का करार कर फ्यूचर में उसके साथ अनुबंध की अवहेलना की है.
फ्यूचर ग्रुप में सिंगापुर के मध्यस्था मंच सुनवाई मैच में अक्टूबर 2020 ने अपने बयान में कहा है कि अगस्त 2020 में तीसरे नंबर के प्रतिवादी किशोर बियानी और 8वें नंबर के प्रतिवादी राकेश बियानी तथा एमेजॉन डॉट कॉम एनवी इन्वेस्टमेंट होल्डिंग्स एलएलसी की ओर से अभिजीत मजूमदार के बीच हुई बातचीत में वादी एमेजॉन की ओर से 4 करोड़ डॉलर की के मुआवजे की मांग की गई.