सुप्रीम कोर्ट ने पुलिसकर्मियों को पीपीई किट देने और उनके वेतन में कटौती न करने की मांग पर सुनवाई करने से इनकार कर दिया है। जस्टिस अशोक भूषण की अध्यक्षता वाली बेंच ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के दौरान सुनवाई करते हुए कहा कि आजकल हर कोई कोविड-19 का विशेषज्ञ बन गया है। बेहतर हो आप संबंधित राज्य सरकारों के सामने अपना सुझाव रखिए।
याचिका रिटायर्ड पुलिस अधिकारी भानुप्रताप बर्गे ने दाखिल की थी। याचिका में मध्यप्रदेश में कोरोना से एक पुलिसकर्मी की मौत का जिक्र करते हुए कहा गया था कि एक रक्षक की भी सुरक्षा की जरूरत है। याचिका में कहा गया था कि पुलिसकर्मियों की सैलरी बिलकुल नहीं काटी जाए।
कई राज्यों की ओर से जारी ऐसे सर्कुलर को रद्द किया जाए। याचिका में मांग की गई थी कि सरकार कोरोना संक्रमण के बीच ड्यूटी निभा रहे पुलिसकर्मियों के बेहतर स्वास्थ्य और सुरक्षा के लिए हर संभव कदम उठाए।
याचिका में कहा गया था कि 48 साल से ज़्यादा उम्र के पुलिसकर्मियों की ड्यूटी वहां न लगाई जाए जहां संक्रमण का खतरा हो। 48 साल से ज्यादा के उम्र के पुलिसकर्मियों को कोरोना के संक्रमण का खतरा ज्यादा है इसलिए उनकी पहचान की जानी चाहिए।
याचिका में कहा गया था कि पुलिसकर्मियों पर काम का काफी दबाव है। इसलिए शारीरिक रूप से फिट लोगों की तदर्थ नियुक्ति की जाए। याचिका में कहा गया था कि सभी पुलिसकर्मियों और उनके परिजनों को सुरक्षा किट उपलब्ध कराया जाए।