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सुप्रीम कोर्ट की तल्ख टिप्पणी: मतगणना अगर तीन हफ्ते टाल दी जाये तो आसमान नहीं टूट पड़ेगा

उत्तर प्रदेश में कोरोना संक्रमण से बिगड़े हालात के बीच बीते दिनों संपन्न हुए पंचायत चुनाव और रविवार को इसकी मतगणना को लेकर सुप्रीम कोर्ट बेहद गंभीर है. अदालत ने आज इस मामले पर हुई सुनवाई के दौरान राज्य निर्वाचन आयोग से कड़े सवाल किए. कोर्ट ने राज्य चुनाव आयोग से पूछा कि क्या मतगणना कराना जरूरी है, क्या उसको स्थगित नहीं किया जा सकता, अगर तीन हफ्ते टाल दिया गया तो आसमान नहीं टूट पड़ेगा.

राज्य निर्वाचन आयोग के मतगणना केंद्रों पर कोरोना प्रोटोकॉल का पालन करने को लेकर भरोसा दिए जाने पर कोर्ट ने तीखी टिप्पणी की. उत्तर प्रदेश सरकार ने सुप्रीम कोर्ट को बताया कि काउंटिंग 8 घंटे की शिफ्ट में चलेगी और हर शिफ्ट में अधिकारी बदले जाएंगे. हर शिफ्ट खत्म होने के बाद काउंटिंग सेंटर को सैनेटाइज करने का काम शुरू किया जाएगा. 75 से ज़्यादा शिफ्ट लग सकती हैं. इस पर सुप्रीम कोर्ट ने यूपी सरकार से पूछा कि क्यों ना यूपी में पंचायत चुनाव की मतगणना को 2 हफ्ते के लिए स्थगित कर दिया जाए, तब तक हमारा मेडिकल इंफ्रास्ट्रक्चर भी सुधरेगा. उम्मीद की जा सकती है कि तभी स्थिति सबसे ज्यादा बेहतर कंट्रोल में होगी.

इससे पहले सुप्रीम कोर्ट ने सुनवाई के दौरान पूछा कि आप इसे हल करने की स्थिति में हैं, जीवन के नुकसान को कम करने के लिए. संपत्ति और धन महत्वपूर्ण नहीं हैं. यह जीवन सबसे महत्वपूर्ण है. सुप्रीम कोर्ट ने यूपी सरकार से पूछा कि हम अभी भी गिनती केंद्रों को समझ नहीं पा रहे हैं. इन केंद्रों पर सैकड़ों सीटें होंगी, कर्मचारियों का क्या होगा? कुछ केन्द्र ज्यादा बड़े नहीं होंगे, आप कैसे समायोजित करेंगे? अदालत की इस बात पर उत्तर प्रदेश सरकार के वकील ने कहा कि 25 हजार से ज्यादा सुरक्षाकर्मी लगाए जाएंगे जो काउंटिंग सेंटर पर दिशा निदेर्शों का सख्ती से पालन करेंगे.

सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि शिक्षक संगठन की तरफ से बताया गया है कि 700 से ज्यादा शिक्षकों की मौत चुनाव के दौरान हुई, आप इस स्थिति को कैसे संभाल लेंगे. इस पर उत्तर प्रदेश सरकार ने कहा कि जिन राज्यों में चुनाव नहीं हो रहे हैं, वहां पर भी कोरोना के मामले और मौतें में बढ़ी हैं. दिल्ली में भी मौत की संख्या बढ़ी है. उत्तर प्रदेश सरकार ने कहा जब पंचायत चुनाव शुरू हुए थे उस दौरान कोरोना कि दूसरी लहर नहीं आई थी. यह भयंकर आपदा है जिसका हम सब सामना कर रहे हैं.

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