लखनऊ। राष्ट्रीय लोकदल के सदस्यता अभियान के प्रदेश प्रभारी सुरेन्द्रनाथ त्रिवेदी ने कहा कि प्रदेश सरकार का अन्य पिछड़ा वर्ग विरोधी चेहरा माननीय उच्च न्यायालय के आदेश के फलस्वरूप बेनकाब हो गया है। उन्होंने कहा कि सरकार ने पिछड़ी जातियों के साथ यह साजिश इसलिए रची थी कि प्रदेश की अनेको क्षेत्रीय पार्टियां पिछड़ी जातियों के आधार पर ही गठित हुयी हैं और राजनैतिक क्षेत्रों में उन पार्टियों का दखल भी है यही कारण है कि भाजपा अपने शासन में पिछड़ी जातियों के साथ साजिश करके उन्हें शहरों और टाउन एरिया जैसी सरकारों से वंचित रखना चाहती थी। माननीय उच्च न्यायालय और लोकतंत्र के चौथे स्तम्भ के फलस्वरूप ही पिछड़ों को न्याय मिला है।
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श्री त्रिवेदी ने कहा कि भारतीय जनता पार्टी ने अपने खिसकते जनाधार से सवर्ण मतदाताओं को लुभाने के लिए सर्वप्रथम पिछड़ी जातियों के साथ साजिश का कुचक्र तैयार किया था और यदि यह साजिश सफल हो जाती तो अगला कदम अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति के आरक्षण पर रोक लगाने की तैयारी थी। हमारे देश में जिस प्रकार विभिन्न धर्मो के साथ साथ विभिन्न मौसमों एवं विभिन्न भाषाओं और रीति रिवाजों के साथ वेशभूषाओं को मिलाकर हिन्दुस्तान नामक गुलदस्ता बनता है उसी प्रकार विभिन्न जातियों द्वारा समाज नाम का गुलदस्ता तैयार होता है। प्रदेश सरकार ने इसी गुलदस्तें को बिगाडनें का नापाक इरादा किया था।
सदस्यता अभियान के प्रदेश प्रभारी सुरेन्द्रनाथ त्रिवेदी ने कहा कि स्थानीय निकाय चुनाव के साथ साथ वर्ष 2024 के लोकसभा चुनाव में भारतीय जनता पार्टी को इस साजिश का खामियाजा भुगतना पडे़गा और सभी पिछडी जातियां एक साथ मिलकर विपक्ष में मतदान करेगी जिसके फलस्वरूप भाजपा को सत्ता से बाहर जाना होगा और लोकतंत्र की रक्षा में इन जातियों का महत्वपूर्ण योगदान रहेगा। चौधरी चरण सिंह के सपनों का भारत बनाने में देश की जनता का यह एतिहासिक निर्णय होगा।