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CM योगी के प्रबंधन से प्रेरणा

कोरोना पर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के कार्य आपदा प्रबंधन का विशेष मॉडल बन गया है। अनेक प्रदेश इसका संज्ञान ले रहे है। योगी प्रदेश के सभी जिला प्रशासन ही नहीं प्रधानों और सभासदों से अपडेट ले रहे है,उनको प्रबंधन के निर्देश दे रहे है। कुछ दिन पहले ही गरीबों को समय से भोजन की व्यवस्था के सख्त आदेश दिए गए।

इसकी अवहेलना पर जिलाधिकारियों की जबाबदेही सुनिश्चित की गई। मात्र चौबीस घंटो में दस लाख से अधिक फ़ूड पैकिट बांटे गये। शिकायतों का तुरंत समाधान किया जा रहा है। योगी का यह मॉडल देश में चर्चित हुआ है।सबसे ज्यादा सहायता यूपी की मुख्यमंत्री हेल्पलाइन के माध्यम से किया जा रहा है। अपर मुख्य सचिव सूचना अवनीश अवस्थी ने इसका ब्यौरा पत्रकारों को दिया। प्रदेश में करीब साढ़े पांच लाख से अधिक लोग होम कवरन्टीन किये गये हैं। योगी ने कोरोना के मुकाबले व लॉक डाउन में गरीबों की सहायता पर सर्वाधिक ध्यान दिया। इसके लिए पहले ही व्यापक कॅरिय योजना बनाई गई। मुख्य सचिव सहित वरिष्ठ अधिकारियों की अध्यक्षता में ग्यारह कमेटियां गठित की गई।

यह कमेटियां कोरोना पर नियंत्रण एवं लाॅकडाउन लागू करने व इस दौरान आमजन को आवश्यक सुविधाएं उपलब्ध कराने के लिए निरन्तर कार्य कर रही हैं। प्रधानमंत्री गरीब कल्याण योजना के अन्तर्गत गरीबों के लिए घोषित विभिन्न सुविधाओं को लाभार्थियों तक पहुंचाया जा रहा है। अपर मुख्य सचिव वित्त की अध्यक्षता में गठित कमेटी इन सुविधाओं को लाभार्थियों तक पहुंचाने के लिए कार्य कर रही है। सरकार ने दूसरे प्रदेश में रहने वाले और वहां से यहां पहुंचने वाले यूपी ने लोगों पर भी ध्यान दिया। इसके लिए भी कमेटी लगातार कार्य कर रही है।

CM योगी ने स्वयं देखा कि दूसरे प्रदेश से आने वालों को पैदल न चलना पड़े। इसके लिए पर्याप्त बसों व भोजन की व्यवस्था की गई। मुख्यमंत्री हेल्पलाइन के माध्यम से प्रत्येक गांव में बाहर से आए लोगों को चिन्ह्ति कर क्वाॅरण्टीन किया जा रहा है। इसके लिए ग्राम प्रधान व पार्षद आदि से सम्पर्क स्थापित कर किया जा रहा है। यूपी कोविड केयर फण्ड के माध्यम से राज्य में मेडिकल काॅलेजों तथा जिला अस्पतालों का क्षमता विस्तार किया जा रहा है। अधिक से अधिक संख्या में टेस्टिंग लैब स्थापित किए जा रहे है।

जिससे जनपद स्तर पर टेस्टिंग सुविधाएं उपलब्ध हो सकें। पीपीई किट, वेण्टीलेटर्स, ट्रिपल टियर मास्क, टेलीमेडिसिन सुविधाएं आदि उपलब्ध कराने के लिए भी कार्य योजना बनायी गई है।प्रदेश के बीस लाख से अधिक श्रमिकों को एक हजार रुपए का भरण पोषण भत्ता दिए जाने की कार्यवाही प्रारम्भ की गई है। आधे से अधिक श्रमिकों के खाते में धनराशि ट्रांसफर की जा चुकी है। शेष खातों में भी धनराशि भेजी जा रही है। मनरेगा मजदूरों को छह सौ ग्यारह करोड़ रुपए का भुगतान किया गया है। वृद्धावस्था,निराश्रित महिला, दिव्यांगजन व कुष्ठावस्था पेंशन के लाभार्थियों को दो माह की अग्रिम पेंशन की आठ सौ इकहत्तर करोड़ रुपए से अधिक की धनराशि उनके खातों में आॅनलाइन ट्रांसफर की गई है। इससे लगभग सत्तासी लाख लाभार्थी लाभान्वित हुए हैं। अन्त्योदय कार्डधारकों मनरेगा श्रमिकों,श्रम विभाग में पंजीकृत निर्माण श्रमिकों तथा नगर विकास विभाग के अन्तर्गत दिहाड़ी मजदूरों को निःशुल्क राशन वितरित किया जा रहा है।

राज्य सरकार का प्रयास है कि प्रदेश में कोई भी व्यक्ति भूखा न रहे। जिनके पास राशन कार्ड नहीं है अथवा कोई साधन भी नहीं है,उन्हें राशन कार्ड उपलब्ध कराया जा रहा है। राज्य सरकार ठेला,खोमचा,पल्लेदार, रिक्शा,ई-रिक्शा आदि चलाने वाले दिहाड़ी मजदूरों के बैंक खातों में एक हजार रुपए ट्रांसफर करने की योजना है।

सीएम योगी आदित्यनाथ ने विधायकों से यूपी कोविड केयर फण्ड में अपनी निधि से एक करोड़ रुपए व एक माह का वेतन देने का आग्रह किया है। उंन्होने बेसिक शिक्षा विभाग द्वारा इस फण्ड हेतु छिहत्तर करोड़ रुपए की धनराशि देने की प्रशंसा की। सोशल डिस्टेंसिंग का पालन इसको रोकने का एक कारगर तरीका है। इसके लिए लोगो को जगरुक करना आवश्यक है।

राज्य सरकार का प्रयास है कि प्रत्येक जनपद में लेवल वन लेवल टू व लेवल थ्री के अस्पताल, टेस्टिंग लैब, आइसोलेशन व क्वाॅरण्टीन वाॅर्ड उपलब्ध कराने का कार्य किया जा रहा है। कालाबाजारी और जमाखोरी को रोकने के लिए सरकार कटिबद्ध है।सरकार का प्रयास है कि लॉक डाउन समाप्त होने के बाद सड़कों पर अचानक भीड़ ना बढ़े। इस पर गंभीरता से विचार किया जा रहा है।

रिपोर्ट-डॉ. दिलीप अग्निहोत्री

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