Breaking News

अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस के अवसर पर सूर्या आवा कला प्रदर्शनी का हुआ आयोजन

सेना के जीवन की कठोरता के बावजूद, सैनिकों की पत्नियां हमेशा मुस्कुराती रहती हैं और सशक्तिकरण का सच्चा प्रतिबिंब होती हैं। उनमें रचनात्मकता के लिए एक दुर्लभ जुनून छिपा होता है, जो खुशियों, पूर्ति, परीक्षणों और क्लेशों से बना है।

  • Published by- @MrAnshulGaurav Written by- Daya Shankar Chaudhary
  • Teusday, 08 Febraury, 2022

लखनऊ। सैनिकों की पत्नियां, पति के लिए ताकत का स्तंभ, बच्चों के प्रति स्नेह रखने वाली मां, माता-पिता की देखभाल करने वाली, मित्रों की साथी और ऐसी कई असंख्य और कठिन भूमिकाएं सफलता से निभाती हैं। आमतौर पर उस समय जब बिना सहायता के सैनिक देश की सीमाओं की रक्षा के लिए घर से बाहर होते हैं।

सेना के जीवन की कठोरता के बावजूद, सैनिकों की पत्नियां हमेशा मुस्कुराती रहती हैं और सशक्तिकरण का सच्चा प्रतिबिंब होती हैं। उनमें रचनात्मकता के लिए एक दुर्लभ जुनून छिपा होता है, जो खुशियों, पूर्ति, परीक्षणों और क्लेशों से बना है।

अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस के उपलक्ष्य में मध्य कमान सूर्या आवा ने 6 से 8 मार्च तक लखनऊ के मोहम्मद बाग क्लब में एक प्रदर्शनी आयोजित की। जिसमें सैनिकों की पत्नियों के रचनात्मक प्रतिभा को गर्व से प्रदर्शित किया गया। प्रदर्शनी का उद्घाटन आवा सेंट्रल कमांड की क्षेत्रीय अध्यक्ष निधि डिमरी द्वारा किया गया ।

भारी संख्या में, महिलाओं, लड़कियों और नर्सिंग कैडेटों ने 300 से अधिक कला कार्यों में अपनी प्रतिभा का प्रदर्शन प्रस्तुत किया जिसमें कैनवास, मधुबनी, तेल और एक्रिलिक पानी के रंग और कांच के चित्र; डेको वर्क, डिकॉउप, भित्ति चित्र, मिट्टी की ढलाई, मूर्तिकला आदि शामिल था। प्रदर्शनी का मुख्य आकर्षण कॉफी चित्रों का एक उत्कृष्ट प्रदर्शन था।

About reporter

Check Also

शादीशुदा प्रेमिका के साथ बिस्तर में था प्रेमी, सास ने देख लिया तो मार डाला; गिरफ्तार

एटा:  उत्तर प्रदेश के एटा में महिला ने प्रेमी संग मिलकर सास की गला दबाकर ...