कर्म करने से हार या जीत कुछ भी मिल सकती हैं, लेकिन कर्म न करने से केवल हार ही मिलती है। क्यों डरें कि जिंदगी में क्या होगा, हर वक्त क्यों सोचें कि बुरा होगा। बढ़ते रहें मंजिलों की ओर हम कुछ न भी मिला तो क्या? तजुर्बा तो नया ...
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